भोपाल। मध्य प्रदेश में लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) और दो ट्रफ लाइनों की सक्रियता के कारण भारी बारिश का दौर जारी है। मंगलवार को अशोकनगर, श्योपुर, विदिशा सहित कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। सड़कों पर पानी भर गया और रास्ते बंद हो गए। स्थिति को देखते हुए बुधवार को भोपाल, नर्मदापुरम, सीहोर और अशोकनगर में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है।
बारिश के कारण गुना जिले में हालात इतने बिगड़ गए कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाना पड़ा। यहां के बमोरी इलाके के कलोरा गांव में डैम का वेस्ट वियर टूट गया, जिससे डैम ओवरफ्लो हो गया और आसपास के गांवों में पानी भरने की स्थिति बन गई। सेना और प्रशासन की संयुक्त टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिया है। कई निचली बस्तियों में चार फिट तक पानी भर गया है। यहां चचोड़ा क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई है। वहीं, म्याना रेलवे अंडर ब्रिज पर बुधवार को भी पानी भरा हुआ है। जिसके कारण गुना-अशोक नगर मार्ग बंद है। भिंड जिले में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण सिंध, क्वारी और चंबल नदियां बुधवार को भी उफान पर हैं ।
विदिशा के ग्यारसपुर में दो बच्चे पानी के तेज बहाव में बह गए, हालांकि उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया। वहीं, विदिशा के नहरयाई गांव में एक कच्चा मकान गिरने से 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। इटारसी में तवा डैम के 9 गेट खोलकर 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध के 14 गेट खोल दिए गए हैं। भोपाल में कोलांस नदी के उफान के चलते बड़ा तालाब तेजी से भर रहा है और शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति बन गई है। तवा डैम के पांच गेट 7-7 फीट तक खोल दिए गए।मुरैना में एक सरकारी स्कूल की इमारत का हिस्सा ढह गया। दमोह में ब्यारमा नदी के उफान पर आने से एक दंपति गांव में फंस गया, जिन्हें एसडीआरएफ ने सुरक्षित बाहर निकाला।
रायसेन के कई कस्बों में पानी भर गया है। शिवपुरी के अधिकांश हिस्से में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। राजगढ़ जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से अजनार, नेवज और गाडगंगा सहित अन्य नदियां उफान पर है, वहीं मोहनपुरा डेम का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है, जिसके चलते मंगलवार शाम 17 में से डेम के छह गेट खोले गए।दमोह के ग्राम हिनौती, बर्रट, कोटा, मुआरी, रमगढा, नया गांव, कुंवरपुर, ईमलिया, जमुनिया, सलैया सहित अनेक ग्रामों में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है। अनेक ग्रामों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है जिसके कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
मध्य प्रदेश में 16 जून को मानसून ने प्रवेश किया था। तब से अब तक औसतन 26.2 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 9.3 इंच अधिक है। राज्य में औसत सामान्य वर्षा 37 इंच मानी जाती है। राज्य के 8 जिलों– ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में इस सीजन में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। टीकमगढ़ और निवाड़ी में अब तक 42 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि इंदौर और उज्जैन में सामान्य से काफी कम पानी गिरा है। मंगलवार को प्रदेश के 32 जिलों में बारिश हुई। रायसेन में महज 9 घंटे में 4.5 इंच पानी बरस गया, जबकि भोपाल में 1.9 इंच, शाजापुर में 1.7 इंच, नरसिंहपुर और सागर में 1.2 इंच, और नर्मदापुरम, धार, ग्वालियर व पचमढ़ी में लगभग 1 इंच वर्षा दर्ज की गई। कई अन्य जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश हुई है।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक मिश्रा के अनुसार नीमच, मंदसौर, हरदा में बिजली के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नरसिंहपुर, बैतूल, नर्मदापुरम, उज्जैन रतलाम, गुना, शिवपुरी, आगर, सागर, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन में बिजली के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। महेश्वर, झाबुआ, देवास, शाजापुर के साथ इंदौर, धार, बड़वानी, अलीराजपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना/चित्रकूट, रीवा, मैहर, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, दमोह, श्योपुरकलां, मुरैना, अशोकनगर, सिवनी, अनूपपुर और शहडोल में मध्यम श्रेणी की, कहीं कहीं हल्की बारिश होगी।
वहीं, डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, मध्यप्रदेश के केंद्र में बना कम दबाव का क्षेत्र और दो ट्रफ के चलते भारी वर्षा हो रही है, जो बुधवार तक बनी रह सकती है।
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