
भोपाल । “मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 – सिटीज ऑफ टुमॉरो” का शुभारंभ आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर स्थित ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में करेंगे। इस कॉन्क्लेव में होटल, पर्यटन, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों के प्रमुख निवेशकों से संवाद होगा। इसमें देश भर के 1500 से अधिक निवेशकों, उद्योगपतियों, कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों की सहभागिता होगी। आयोजन प्रदेश में शहरी विकास के ब्लूप्रिंट और भविष्य की योजनाओं पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर 1:30 बजे कॉन्क्लेव स्थल पर पहुंंचकर एग्जीबिशन का अवलोकन करेंगे। वो दोपहर तीन बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे। कॉन्क्लेव में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। आयोजन में क्रेडाई, नगर निगम, आईडीए, स्मार्ट सिटी, हाउसिंग बोर्ड, मैट्रो, हुडको, एलआईसी सहित कई संस्थाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
उद्योग विभाग ने बताया है कि कॉन्क्लेव में चार तकनीकी-सत्र आयोजित होंगे, जिनमें “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधिनिक तकनीक, विकास के केंद्र के रूप में शहर, भविष्य के लिए सतत हरित शहरीकरण और भविष्य के शहरों की यातायात व्यववस्था” जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सहभागिता करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कॉन्क्लेव में मप्र लॉकर, ईटी अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट 2025 ब्रोशर का विमोचन, एमओयू साइनिंग और “सौगात” का उद्घाटन एवं अनावरण करेंगे। वह निवेशकों को प्रशस्ति-पत्र भी भेंट करेंगे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के शहरीकरण में निवेश अवसरों पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि यह कॉन्क्लेव न केवल प्रदेश की शहरी योजनाओं को रफ्तार देगा, बल्कि निवेशकों को एक मजबूत और विश्वसनीय मंच भी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि यह सम्मेलन देश के अग्रणी रियल एस्टेट डेवलपर्स और शहरी योजनाकारों को एक साथ लाकर 2047 तक विकसित मध्य प्रदेश के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप तैयार करेगा। डॉ. यादव ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, मध्य प्रदेश के शहरों को बुनियादी ढाँचे, निवेश और नवाचार के भविष्य-तैयार केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मेट्रो, ई-बस, मल्टीमॉडल हब, अफोर्डेबल हाउसिंग, वॉटरफ्रंट डेवेलपमेंट, सीवेज नेटवर्क, ई-गवर्नेंस, स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्ट रोड्स जैसे क्षेत्रों में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। प्रदेश में अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किए जा चुके हैं और 10 लाख से अधिक नए आवासों पर कार्य चल रहा है, जिनमें लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई हैं।
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है।
ज्ञात हाे कि शहरी क्षेत्र अब मध्य प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 35.55% का योगदान देता है। अभी शहरी क्षेत्रों में 72,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। नई योजनाओं के लिए अतिरिक्त 88,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में 7 शहरों को शामिल करने और 4 शहरों की जनसंख्या 10 लाख के पार होने के साथ, आधुनिक, स्वच्छ और कुशल शहरी केंद्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इंदौर लगातार सातवें वर्ष भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है। भोपाल राज्य की राजधानियों में दूसरे स्थान पर है।