सोमवार को राजस्थान के कई जिलों में कलेक्टर कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिससे प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। सीकर, टोंक, राजसमंद और भीलवाड़ा जिलों में कलेक्ट्रेट कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी ई-मेल के जरिए दी गई, जिसके बाद चारों स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया और कलेक्ट्रेट परिसर को खाली कराकर बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया।
सीकर में धमकी के बाद कलेक्टर कार्यालय खाली कराया गया, डॉग स्क्वायड ने की जांच
सुबह सीकर कलेक्ट्रेट कार्यालय को एक संदिग्ध ई-मेल प्राप्त हुआ, जिसमें परिसर को आरडीएक्स से उड़ाने की धमकी दी गई थी। कलेक्टर के निजी सचिव सर्वेश माथुर ने बताया कि ईमेल प्राप्त होते ही जिला प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया तथा कलेक्टर कार्यालय भवन को तुरंत खाली कराकर पूरे परिसर को सील कर दिया गया।
बम निरोधक दस्ते और श्वान दस्ते को घटनास्थल पर बुलाया गया। इसके अतिरिक्त, आस-पास के क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया। हालाँकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कोई संदिग्ध वस्तु मिली है। खतरे के चलते राज्य के मुख्य सचिव सुधांशु पंत की अध्यक्षता में आज होने वाली महत्वपूर्ण प्रशासनिक बैठक अब रिजर्व पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दी गई है।
धमकी के बाद टोंक में कड़ी सुरक्षा, अजमेर से बम निरोधक दस्ता भेजा गया
टोंक कलेक्ट्रेट को भी ईमेल के माध्यम से बम की धमकी मिली। सूचना मिलते ही जिला कलक्टर ने एसपी को सूचना दी, जिसके बाद अतिरिक्त जिला कलक्टर रामरतन सोकरिया, उपखण्ड अधिकारी हुकुमीचंद रोहलानिया, अतिरिक्त एसपी गीता, वृत्ताधिकारी राजेश विद्यार्थी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
डीएसबी टीम ने कलेक्टर कार्यालय के चप्पे-चप्पे की जांच शुरू कर दी है तथा अजमेर से बीडीएस टीम भी भेज दी गई है। पूरे जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और जांच चल रही है।
राजसमंद में एनआईसी कार्यालय को ईमेल के जरिए मिली धमकी, प्रशासन अलर्ट पर
राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट को एनआईसी कार्यालय में प्राप्त एक ईमेल के माध्यम से धमकी दी गई, जिसमें कलेक्ट्रेट पर बम से हमला करने की स्पष्ट चेतावनी दी गई थी। ई-मेल सूचना मिलते ही जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा, पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बनकर, एसडीएम बृजेश कुमार, डीवाईएसपी विवेक सिंह सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
नागरिक सुरक्षा टीम को भी बुलाया गया और कलेक्टर कार्यालय की इमारत को खाली कराकर तलाशी ली गई। वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
भीलवाड़ा में बम की धमकी एक मॉक ड्रिल निकली, लेकिन शुरुआत में अफरातफरी मच गई
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर कार्यालय को सुबह 10:45 बजे एक ईमेल के माध्यम से बम की धमकी भेजी गई, जिससे कर्मचारियों और नागरिकों में दहशत फैल गई।
कलेक्टर जसमीत सिंह संधू और एसपी धर्मेंद्र सिंह ने तुरंत कलेक्ट्रेट परिसर को खाली कराया और अजमेर से बम निरोधक दस्ते को बुलाया। गहन जांच और तलाशी के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरी प्रक्रिया एक पूर्व नियोजित मॉक ड्रिल थी जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों का परीक्षण करना था।
पहले तो वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन जब यह मॉक ड्रिल निकली तो लोगों ने राहत की सांस ली। अधिकारियों ने कहा कि वास्तविक आपात स्थिति में प्रभावी और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इस तरह के अभ्यास भविष्य में भी जारी रहेंगे।
साइबर सेल ईमेल भेजने वालों की तलाश में जुटी है।
मिली धमकियों को लेकर सीकर, टोंक और राजसमंद में साइबर सेल सक्रिय कर दिए गए हैं, ताकि इन ईमेल को ट्रेस कर भेजने वाले की पहचान की जा सके। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी घटना को गंभीरता से ले रही हैं और सभी सरकारी संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा रही हैं। जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
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