जिले में संचालित सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव, नामांकन और ठहराव पर सरकार की ओर से हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन आज भी कई सरकारी स्कूलों में बीस से कम और कहीं-कहीं तो दस से भी कम नामांकन हैं। सत्र 2024-25 की नामांकन प्रक्रिया पर नजर डालें तो जिले के 32 प्राथमिक स्कूलों में 10 से कम, 9 स्कूलों में दस-दस और 108 स्कूलों में दस से अधिक और बीस से कम नामांकन हैं। ऐसे में दस से कम नामांकन वाले स्कूलों को मर्ज करने को लेकर विभाग में चर्चा शुरू हो गई है।
लक्ष्य से कोसों दूर है विभाग
जिले में पहली से बारहवीं तक 133226 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनका दस प्रतिशत यानी 13 हजार 323 नामांकन इस सत्र में और बढ़ाना है। प्रवेशोत्सव के पहले चरण में नामांकन लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग के अधिकारी-कर्मचारी जी-जान से जुटे हैं, लेकिन अभी तक पहले चरण में मात्र 736 नामांकन ही हो पाए हैं। इनमें से बौंली ब्लॉक में 59, खंडार ब्लॉक में 172, चौथ का बरवाड़ा ब्लॉक में 45, मलारना डूंगर ब्लॉक में 30, सवाईमाधोपुर ब्लॉक में 60, गंगापुर सिटी ब्लॉक में 245 तथा बामनवास ब्लॉक में 125 नामांकन हुए हैं। ऐसे में इस वर्ष प्रवेशोत्सव के प्रथम चरण की नामांकन रिपोर्ट के अनुसार विभाग का यह लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है।
ब्लॉक अनुसार नामांकन की स्थिति
पिछले सत्र की बात करें तो जिले में 32 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें बालक-बालिकाओं का नामांकन 10-10 से कम रहा है। इनमें बौंली ब्लॉक में 4, खंडार ब्लॉक में 3, सवाईमाधोपुर ब्लॉक में 1, गंगापुर सिटी ब्लॉक में 4, बामनवास ब्लॉक में 20 शामिल हैं। 9 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें बालक-बालिकाओं का नामांकन 10-10 है। इनमें बौंली ब्लॉक में 2, खंडार ब्लॉक में 2, सवाईमाधोपुर ब्लॉक में 2, गंगापुर सिटी ब्लॉक में 1 तथा बामनवास ब्लॉक में 2 स्कूल शामिल हैं।
ब्लॉक के अनुसार 10 से अधिक नामांकन की स्थिति
जिले में 108 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बालक-बालिकाओं का नामांकन 10 से अधिक तथा 20 से कम है। इनमें बौंली ब्लॉक में 16, खंडार ब्लॉक में 8, चौथ का बरवाड़ा ब्लॉक में 12, मलारना डूंगर ब्लॉक में 12, सवाईमाधोपुर ब्लॉक में 3, गंगापुर सिटी ब्लॉक में 22 तथा बामनवास ब्लॉक में 33 स्कूल शामिल हैं।
बामनवास ब्लॉक में नामांकन की दयनीय स्थिति
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्तर के बामनवास ब्लॉक में 55 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें गत वर्षों से बालक-बालिकाओं का नामांकन दयनीय रहा है। 20 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें दस से कम विद्यार्थी हैं, 2 स्कूलों में दस-दस और 33 स्कूलों में दस से अधिक लेकिन बीस से कम नामांकन हैं। इनका कहना है जिले में अभी भी कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें लड़के-लड़कियों का नामांकन बहुत कम है, जबकि यहां पूरा स्टाफ काम कर रहा है। नए सत्र में नामांकन और ठहराव पर विशेष फोकस है। जिन स्कूलों में दस से कम नामांकन है, उन्हें मर्ज किया जा सकता है। इस पर विभाग विचार कर रहा है। लेकिन अभी तक हमें इसके आदेश नहीं मिले हैं।
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