नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोपी और जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम (86) कई बीमारियों से ग्रसित हैं। आसाराम अपनी बीमारियों के इलाज के आधार पर लंबे समय से अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। आसाराम को मंगलवार को सरेंडर करना था। लेकिन उन्हें जोधपुर हाईकोर्ट से फिर आठ दिन की राहत मिल गई है। जोधपुर हाईकोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई तक फिर अंतरिम राहत दी है। अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आए आसाराम गुजरात में इलाज करा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, आसाराम को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है, ताकि वह इलाज करा सकें। सूत्रों के मुताबिक, जोधपुर एम्स में पहले की गई आसाराम की मेडिकल जांच में पता चला कि उन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी कोरोनरी हार्ट डिजीज है। बढ़ती उम्र के कारण आसाराम को कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं। आसाराम हाइपरटेंशन से भी ग्रसित हैं। डॉक्टरों ने कहा था कि इसके लिए 90 दिन की पंचकर्म (आयुर्वेदिक पंचकर्म) थेरेपी की जरूरत है। इसके लिए आसाराम अंतरिम जमानत पर हैं। मेडिकल दस्तावेजों के मुताबिक आसाराम को हाइपोथायरायडिज्म है।
इससे पहले मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत दी गई थी
गुजरात हाईकोर्ट में आसाराम के खिलाफ चल रहे मामले में पहले उन्हें स्वास्थ्य आधार पर मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत दी गई थी। बाद में इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया था। कोर्ट ने पंचकर्म उपचार और उम्र को ध्यान में रखते हुए यह अनुमति दी थी। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी उपचार के स्थान और जरूरत को ध्यान में रखते हुए अंतरिम जमानत 9 जुलाई तक बढ़ा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि उपचार के दौरान प्रचार-प्रसार न करने जैसी कानूनी शर्तें रहेंगी।
इससे पहले उन्हें जोधपुर और महाराष्ट्र में उपचार कराने की अनुमति दी गई थी
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दी गई पैरोल/जमानत पर उन्हें जोधपुर के आरोग्य अस्पताल (या एम्स जोधपुर) में भर्ती कराया गया था। वहां उनका उपचार शुरू हुआ था। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें महाराष्ट्र के खोपोली स्थित माधवबाग मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक क्लिनिक एंड हॉस्पिटल में कुछ समय के लिए उपचार कराने की अनुमति दी थी। हालांकि, यह पैरोल ज्यादातर पिछले साल (2024) के आदेशों से संबंधित थी।
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