जिले के हरिपुरा गांव में रथयात्रा के अवसर पर 'तनी चढ़ाने' की परंपरा इस वर्ष भी श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाई गई। रियासतकाल से चली आ रही यह अनोखी परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह गांववासियों के लिए आगामी मानसून की स्थिति का अनुमान लगाने का एक दिलचस्प तरीका भी है।
'तनी चढ़ाने' की परंपरा में गांव के लोग रथयात्रा के दिन एक विशेष प्रकार का तनी (लकड़ी का ऊंचा खंभा) स्थापित करते हैं। यह तनी गांव के प्रमुख स्थानों पर रखा जाता है और उसकी ऊंचाई, स्थिति और दिशा को देखकर गांववाले मानसून के मौसम की भविष्यवाणी करते हैं। इस परंपरा को लेकर गांववासियों में गहरी आस्था है, और वे इसे न केवल धार्मिक विश्वास, बल्कि कृषि कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत मानते हैं।
गांव में इस परंपरा का पालन करने के लिए हर साल रथयात्रा के दिन लोग इकट्ठा होते हैं और तनी चढ़ाते हैं। इस दिन गांव के पवित्र स्थल पर आयोजित पूजा-अर्चना के बाद, तनी को बड़े धूमधाम से स्थापित किया जाता है। इसके बाद, लोग तनी की स्थिति का निरीक्षण करते हैं और मानसून की संभावनाओं का अनुमान लगाते हैं।
यह परंपरा आज भी उतनी ही श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाई जाती है, जितनी पहले हुआ करती थी। हालांकि यह परंपरा अब धार्मिक दृष्टिकोण से अधिक सांस्कृतिक और सामुदायिक महत्व की हो गई है, फिर भी यह हरिपुरा गांव की एक पहचान बन चुकी है।
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