जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपनी आंखों के सामने अपने पिता को खोने वाले इंदौर के एक युवक का कहना है कि हमलावरों में नाबालिग लड़के भी शामिल थे, जो सिर पर कैमरा लगाकर आए थे और घटना के दौरान सेल्फी भी लेते रहे। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे, जिनमें इंदौर के सुशील नथानियल (58) भी शामिल हैं। हमले में बचे उनके बेटे का कहना है कि आतंकियों ने उनके सामने कम से कम छह लोगों को गोली मारी। इस आतंकी घटना में जान गंवाने वाले सुशील नथानियल इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में मैनेजर के पद पर तैनात थे। वह अपने पूरे परिवार के साथ कश्मीर गए थे। इस हमले में जहां नथानियल की मौत हो गई, वहीं आतंकियों ने उनकी बेटी आकांक्षा (35) के पैर में गोली मारकर उसे घायल कर दिया। जबकि मौके पर मौजूद उनकी पत्नी जेनिफर (54) और बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) हमले के दौरान सुरक्षित बच गए।
'कम से कम चार नाबालिग आतंकी थे'
पिता की मौत से दुखी ऑस्टिन ने घटना की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया, 'आतंकवादियों में 15-15 साल के नाबालिग लड़के शामिल थे और उनकी संख्या कम से कम चार थी। इस आतंकी घटना के दौरान वे सेल्फी ले रहे थे और सिर पर कैमरा लगाकर आए थे।'
'कलमा सुनने के बाद भी उन्होंने जांच के लिए कपड़े उतरवाए'
ऑस्टिन ने आगे बताया कि 'आतंकवादियों ने उनके पिता और मौके पर मौजूद अन्य सभी लोगों से उनकी धार्मिक पहचान पूछने के बाद उन्हें गोली मार दी। यहां तक कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे मुस्लिम हैं, आतंकियों ने उनसे कलमा पढ़ने को कहा, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे मुस्लिम हैं या गैर-मुस्लिम?'उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति आतंकियों के कहने पर उन्हें कलमा सुना भी रहा था, तब भी उन्होंने बाद में उसके कपड़े उतरवाकर पुष्टि की थी कि वह मुस्लिम है। ऑस्टिन ने कहा, 'इस तरह से आतंकियों ने मेरे सामने छह गैर मुस्लिम लोगों को गोली मार दी।'
युवक ने बताया कि अब वह सरकार से क्या चाहता है?
जब पूछा गया कि अब वह सरकार से क्या चाहता है, तो अपने पिता को खोने वाले युवक ने जवाब दिया, 'मैं बस इतना चाहता हूं कि उस जगह (बैसरन में) बड़ी संख्या में पुलिस और सेना के जवान तैनात किए जाएं क्योंकि वहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं।'मुख्यमंत्री मोहन यादव बुधवार को सुशील नथनील के घर गए थे और उनके परिजनों को सांत्वना दी थी।
इस बीच, गुरुवार को जूनी इंदौर कैथोलिक कब्रिस्तान में नथनील को दफना दिया गया। इस दौरान उनकी पत्नी जेनिफर बार-बार व्याकुल होती दिखीं, जिन्हें उनके बेटे ऑस्टिन और करीबी रिश्तेदारों ने संभाला। नाथनियल की घायल बेटी आकांक्षा व्हीलचेयर पर कब्रिस्तान पहुंची और अपने पिता को अंतिम विदाई दी। कब्रिस्तान में नाथनियल को श्रद्धांजलि देने वालों में राज्य के कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी शामिल थे।
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