पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सेना ने मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम यानी मल्टी लेयर्ड एयर डिफेंस (AD) सिस्टम की मदद से पाकिस्तान को धूल चटाई थी। भारतीय सेना ने 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से किए गए कई हवाई हमलों को नाकाम किया और पाकिस्तान को उसकी जगह दिखाई। इस एयर डिफेंस सिस्टम के रडार, मिसाइल बैटरियों और रियल टाइम अटैक के मजबूत नेटवर्क की मदद से भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को हवा में ही बेअसर कर दिया।
पाकिस्तान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सका
दरअसल, पाकिस्तान ने 7 से 10 मई के बीच भारत में राजस्थान से सटी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे, जिन्हें भारतीय सेना ने नष्ट कर दिया। रक्षा मंत्रालय की एक विशेष ब्रीफिंग में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय सेना की इस बहादुरी का ब्योरा दिया। साथ ही बताया कि किस तरह रणनीतिक प्रयासों से सफलता हासिल की गई, किस तरह भारत का एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय हुआ और किस तरह इस सिस्टम ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया।
जब पाकिस्तानी ड्रोन, लड़ाकू विमान और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों ने भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की, तो इस एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमले हवा में ही विफल हो गए। जिससे एयरबेस, रडार पोस्ट, लॉजिस्टिक्स हब और आबादी वाले इलाकों की सुरक्षित सुरक्षा सुनिश्चित हुई। भारत की इस चार स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम में लंबी दूरी के निगरानी रडार, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम और कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम शामिल थे, जिसने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया।
50 किलोमीटर तक हवाई खतरों को रोकने में सक्षम
एयर डिफेंस सिस्टम की दूसरी परत को पॉइंट डिफेंस लेयर के नाम से जाना जाता है और यह महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा करती है। यह परत आकाश, स्पाइडर, समर, पिकोरा और ओसा-एके सहित कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों से लैस है। ये सिस्टम 50 किलोमीटर तक की सीमा में हवाई खतरों को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो रक्षात्मक कवर प्रदान करते हैं।
आकाश मिसाइल क्या है, यह कैसे काम करती है
भारत की आकाश मिसाइल प्रणाली सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मिसाइलों में से एक है। आकाश मिसाइल ने हाल ही में दुश्मन के कई हवाई हमलों को नाकाम किया और भारत के हवाई रक्षा कवच के रूप में अपनी भूमिका को मजबूती से प्रदर्शित किया। आकाश मिसाइल में एक ठोस ईंधन, रैमजेट प्रणोदन प्रणाली है, जो मैक 2.5 से 3.5 (4,200 किमी/घंटा तक) की गति तक पहुँचने में सक्षम है। इसकी संचालन सीमा 4.5 से 25 किमी है और यह 18 किमी तक की ऊँचाई पर लक्ष्य को भेद सकती है।
आकाश मिसाइल को एक डिजिटल ऑटोपायलट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसमें लक्ष्य चूकने की स्थिति में नुकसान को कम करने के लिए एक आत्म-विनाश प्रणाली शामिल है। प्रत्येक मिसाइल 60 किलोग्राम का वारहेड ले जाने में सक्षम है, जो एक पारंपरिक वारहेड या परमाणु वारहेड हो सकता है। इस प्रणाली की एक मिसाइल से 88% और 2 मिसाइलों से दागे जाने पर 99% मारक दर है। पहलगाम आतंकी घटना के बाद, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की योजनाओं को विफल कर दिया। पश्चिमी सीमा पर बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर आदि सीमावर्ती जिलों में सीमा पार से कुल 413 मिसाइलें दागी गईं, जिन्हें भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने हवा में ही मार गिराया।
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