राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल, जयपुर ने मार्च-मई 2025 सत्र के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। यह घोषणा 19 जून 2025 को जयपुर स्थित शिक्षा संकुल परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान की गई। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने परिणाम जारी किया। उनके साथ स्कूल निदेशक आशीष मोदी और सचिव डॉ. अरुणा शर्मा भी मौजूद रहीं।
परीक्षा तिथि बदली
पहले ये परीक्षाएं 21 अप्रैल से 16 मई के बीच होनी थीं, लेकिन भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा कारणों से परीक्षा तिथियों में बदलाव किया गया। फिर अंतिम परीक्षा 30 मई को हुई। इसके बावजूद ओपन स्कूल ने महज 19 दिन में सभी कॉपियां जांच लीं और परिणाम घोषित कर दिया।
12वीं के परिणाम में ये रहे टॉपर
कक्षा 12 में 49,499 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 38,289 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 18,800 विद्यार्थी पास हुए। इस बार 12वीं का औसत पास प्रतिशत 49.1% रहा।बालोतरा के सुमित ने 86% अंक प्राप्त कर बालक वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा चूरू की रुखसाना बानो ने 88.6% अंक प्राप्त कर बालिका वर्ग में टॉप किया। दोनों को 21,000 रुपए का पुरस्कार मिलेगा।राजसमंद के प्रियांक अहारी (85.8%) तथा डूंगरपुर की खुशबू जैन (88%) ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जिन्हें 11,000 रुपए की राशि दी जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक जिले में टॉप करने वाले एक बालक व एक बालिका विद्यार्थी को भी 11,000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
10वीं के परिणाम में ये रहे टॉपर
10वीं में 53,498 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 35,575 परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 16,400 विद्यार्थी पास हुए। इस प्रकार 10वीं का औसत पास प्रतिशत 46.1% रहा।जोधपुर के अमन खान ने 85.4% अंक प्राप्त कर बालक वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। जयपुर की हीना ने 89.8% अंक प्राप्त कर बालिका वर्ग में टॉप किया। इन दोनों को 21,000 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।दूसरे स्थान पर सिरोही के गजेंद्र सिंह देवड़ा रहे, जिन्होंने 83.8% अंक प्राप्त किए। फलौदी की ममता और जैसलमेर की चंदू कंवर ने 85% अंक प्राप्त कर बालिका वर्ग में संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त किया। इन तीनों को 11,000 रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली से होती है जांच
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की डिजिटल कॉपी जांच प्रणाली से समय की काफी बचत हुई है और पारदर्शिता भी बढ़ी है। इसमें सभी उत्तर पुस्तिकाएं ऑनलाइन जांची जाती हैं। कॉपी की टोटलिंग भी सॉफ्टवेयर से होती है, जिससे गलती की संभावना नहीं रहती।जांच करने वाले शिक्षक को यह पता नहीं होता कि वह किस छात्र की कॉपी जांच रहा है, जिससे पूरी गोपनीयता बनी रहती है। इसके अलावा सभी जिलों के शिक्षक आसानी से इस प्रक्रिया से जुड़ पाए हैं, जिससे मूल्यांकन की गुणवत्ता और निगरानी में सुधार हुआ है।
पूरी तरह से डिजिटल परीक्षा प्रक्रिया
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल अब पूरी तरह से डिजिटल हो गया है। अब छात्र एसएसओ आईडी के जरिए ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। किताबें, एडमिट कार्ड, मार्कशीट और सर्टिफिकेट सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। परीक्षार्थियों का विवरण पोर्टल पर दर्ज किया जाता है और कॉपी चेकिंग भी पूरी तरह से ऑनलाइन होती है।छात्रों को उनकी मार्कशीट डिजिलॉकर के जरिए दी जाती है। इन सभी सुविधाओं के कारण परीक्षा प्रक्रिया और भी पारदर्शी हो गई है और नकल की संभावना भी कम हो गई है।
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