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राजस्थान के 6 जिलों के लिए खुशखबरी! ब्राह्मणी नदी से बीसलपुर बांध तक आएगा 5000 क्यूसेक पानी, 6 जिलों को मिलेगी राहत

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राम जल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित ईआरसीपी) के बाद अब ब्राह्मणी नदी से पानी लाने की योजना है, जिसका उपयोग 6 जिलों के लाखों लोग कर सकेंगे। ब्राह्मणी नदी मध्यप्रदेश से चित्तौड़गढ़ में प्रवेश कर रही है। इस नदी (चंबल की सहायक नदी) पर भैंसरोड़गढ़ क्षेत्र में 54 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता का बैराज बनाया जाएगा और यहां से पानी भीलवाड़ा से होते हुए करीब 132 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली बनास नदी में लाया जाएगा। बनास नदी का पानी बीसलपुर बांध तक पहुंचेगा। यहां से जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा समेत अन्य जिलों को पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। बांध निर्माण के लिए जल संसाधन विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है और नहर का एलाइनमेंट तय करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। गौरतलब है कि ब्राह्मणी नदी का प्रस्ताव ईआरसीपी से पहले ही आ गया था।

पानी का सही उपयोग होगा
मानसून के दौरान ब्राह्मणी नदी में काफी पानी आता है। यह पानी कोटा बैराज से होते हुए चंबल नदी में चला जाता है। बरसात में बह जाने वाले करीब 5000 क्यूसेक पानी को बीसलपुर में उपयोग के लिए लाने की योजना है।

राणा प्रताप सागर बांध से भी लिया जाएगा पानी
राणा प्रताप सागर से भी पानी लिया जाएगा, जो बरसात में बह जाता है। इसके लिए बांध से बैराज तक फीडर तैयार किया जाएगा। इसके लिए भी योजना तैयार कर ली गई है। तीन स्थानों पर अभ्यारण्य और वन क्षेत्र नहर के प्रस्तावित अलाइनमेंट में अभ्यारण्य और वन क्षेत्र आ रहे हैं। इनमें भैंसरोड़गढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल हैं। यहां एक सुरंग भी बनाई जानी है। इसलिए अभी अलाइनमेंट फाइनल नहीं हो पाया है। अलाइनमेंट को लेकर हाल ही में उच्च स्तर पर चर्चा हुई है।

33 माह में होगा निर्माण
भैंसरोड़गढ़ में ब्राह्मणी नदी पर बनने वाले बैराज की लागत 693 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। निर्माण कार्य 33 माह में पूरा होगा। इस बैराज का पानी भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में पेयजल के लिए आपूर्ति किया जाएगा।

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