अजमेर के किशनगढ़ में वकील बाल किशन की गिरफ्तारी के बाद वकीलों में गुस्सा चरम पर है। वकील लगातार गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एडिशनल एसपी सिटी हिमांशु जांगिड़ और एडिशनल एसपी ग्रामीण दीपक शर्मा प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने में व्यस्त हैं।
आक्रामक व्यवहार से बचने की अपील
एएसपी जांगिड़ ने स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने अपील की कि सभी को हिंसक व्यवहार से बचना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखनी चाहिए।
वकीलों ने अदालत परिसर में पुलिस के प्रवेश पर भी आपत्ति जताई है। इस संबंध में शहर पुलिस अधीक्षक हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि इसके कारण न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है, लेकिन पुलिस प्रयास कर रही है कि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
गिरफ्तारी 25 अप्रैल को की गई।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वकीलों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हर घटना की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 25 अप्रैल को की गई गिरफ्तारियों के बारे में ग्रामीण एएसपी दीपक शर्मा ने बताया कि किशनगढ़ के मदनगंज व सिटी थाना क्षेत्र में जमीन संबंधी कई विवादित मामले चल रहे हैं।
संगठित माफियाओं द्वारा जमीन हड़पने की साजिशें सामने आई हैं। इन मामलों की जांच के दौरान अधिवक्ता बाल किशन को गिरफ्तार किया गया। प्रशासन ने आम जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। सार्वजनिक सुरक्षा के लिए यातायात चालकों को भी तैनात किया गया है।
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