उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका पर की गई टिप्पणी के बाद इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। इसको लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ उपराष्ट्रपति धनखड़ के समर्थन में उतर आए हैं, राठौड़ ने उपराष्ट्रपति की टिप्पणी का समर्थन करते हुए इसे साहसिक और सही बताया है। झुंझुनूं के गांगियासर स्थित राय माता मंदिर में पूर्व प्रधान गिरधारीलाल खीचड़ द्वारा उनके जन्मदिवस कार्यक्रम पर आयोजित अभिनंदन समारोह में पहुंचे राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति धनखड़ की टिप्पणी न केवल सही है, बल्कि साहसिक भी है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका, सभी ने एक लक्ष्मण रेखा खींची हुई है। जब हाईकोर्ट के जज के घर से नोट आने लगेंगे और लक्ष्मण रेखा पार हो जाएगी, तो इस तरह की टिप्पणियां सामने आएंगी।
"राजनीति में शालीन भाषा का प्रयोग जरूरी"
इस अवसर पर राठौड़ ने प्रताप सिंह खाचरियावास द्वारा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी पर की गई टिप्पणी पर भी कहा कि राजनीति में भी एक सीमा होती है। हालांकि उन्हें नहीं पता कि प्रताप सिंह खाचरियावास ने क्या कहा है। लेकिन फिर भी राजनीति में शालीन भाषा का प्रयोग जरूरी है। वक्फ संशोधन अधिनियम के बारे में उन्होंने कहा कि यह प्रगतिशील कानून है, इस संशोधन से गरीब और आम मुसलमानों को उनके अधिकार मिलेंगे। गरीब और मुसलमान इसका स्वागत कर रहे हैं।
सीएम भजनलाल की तुलना भगीरथ से की
इस अवसर पर सीएम भजनलाल शर्मा के झुंझुनू दौरे के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान के लिए भगीरथ बनकर आए हैं, जो प्रयास 3 दशक पहले भैरोंसिंह शेखावत ने शुरू किए थे। संयोगवश वे प्रयास धरातल पर क्रियान्वित नहीं हो पाए। लेकिन ईआरसीपी के बाद अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शेखावाटी में यमुना का पानी लाने का संकल्प लिया है।
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