भजनलाल सरकार की ओर से गुर्जर समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। दरअसल, अब तीन सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया गया है। इस पहल का उद्देश्य गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा उठाए गए मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करना है। कैबिनेट सचिवालय ने इसका आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।
कौन-कौन है कमेटी में
इस कमेटी में राजस्थान सरकार के 3 वरिष्ठ मंत्री जोगाराम पटेल, अविनाश गहलोत और जवाहर सिंह बेढम शामिल हैं। इनका काम है कि वे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और बाकी संबंधित समूहों से बातचीत कर आरक्षण मुद्दे के सभी पहलुओं की समीक्षा करें। इसके साथ ही वे राज्य कैबिनेट को एक रिपोर्ट भी सौंपेंगे। यह कमेटी सीधे तौर पर गुर्जर नेताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों से बात करेगी। साथ ही उनकी चिंताओं और मांगों को समझेगी। इस बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाएगा।
गुर्जर महापंचायत और सरकार का आश्वासन
दरअसल, हाल ही में भरतपुर के पीलूपुरा में एक गुर्जर महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस महापंचायत के दौरान विजय बैंसला के नेतृत्व में गुज्जर समुदाय की ओर से सात प्रमुख मांगें उठाई गईं। जवाब में सरकार ने उनमें से अधिकतर को मानने की इच्छा दिखाई। इन मांगों में सबसे प्रमुख मांग एमबीसी कोटे को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करना थी। इस दौरान समुदाय ने पहले हुए समझौते को लागू करने, देवनारायण योजना को लागू करने, सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ देने और 2006 के आंदोलन के बाद सभी पुलिस मामलों को वापस लेने की मांग की है।
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