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जसोल को नगरपालिका बनाए जाने के बाद प्रधान पद विवाद पर हाईकोर्ट की डबल बेंच से कांग्रेस नेता को राहत, स्थगन आदेश बरकरार

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राजस्थान के नवगठित बालोतरा जिले में जसोल को नगरपालिका में क्रमोन्नत करने के बाद शुरू हुए प्रधान पद विवाद पर अब हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कांग्रेस के पूर्व प्रधान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने गुरुवार को पूर्व में जारी स्थगन आदेश (Stay Order) को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को इस संबंध में कोई नई कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं।

मामला उस समय उठा जब हाल ही में जसोल को पंचायत समिति से नगरपालिका में अपग्रेड किया गया था। इसके बाद पंचायत समिति बालोतरा की प्रधान की कुर्सी को लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर विवाद खड़ा हो गया।

पूर्व प्रधान, जो कांग्रेस से जुड़े हैं, ने इस निर्णय को अदालत में चुनौती देते हुए कहा था कि जसोल को नगरपालिका घोषित करने से पंचायत समिति की वैधानिकता और निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने यह निर्णय कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना लिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं। अदालत ने कहा कि जब तक पूरा मामला न्यायिक रूप से स्पष्ट नहीं होता, तब तक राज्य सरकार जसोल नगरपालिका से संबंधित प्रशासनिक कार्यवाही को स्थगित रखे।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय निर्वाचित निकाय की कार्यप्रणाली को सीधे प्रभावित करता है। ऐसे मामलों में पारदर्शिता और विधिक प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है।”

इस आदेश से कांग्रेस के पूर्व प्रधान को अंतरिम राहत मिली है, जबकि अब इस प्रकरण पर अगली सुनवाई आने वाले सप्ताह में होगी।

उधर, राज्य सरकार के प्रतिनिधि ने कोर्ट में कहा कि जसोल को नगरपालिका में बदलना जनसंख्या और शहरीकरण के आधार पर लिया गया विकासात्मक निर्णय है। हालांकि, अदालत ने कहा कि सरकार अपने तर्क विस्तृत रूप से अगली सुनवाई में प्रस्तुत करे।

स्थानीय राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर हलचल है। एक ओर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे “जनप्रतिनिधि अधिकारों की जीत” बताया है, वहीं भाजपा समर्थकों का कहना है कि यह मामला सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है और विकास कार्यों में बाधा डाल सकता है।

फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने जसोल क्षेत्र में नगरपालिका गठन से संबंधित सभी प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी है। अब सभी की निगाहें आगामी सुनवाई पर हैं, जो यह तय करेगी कि जसोल पंचायत समिति की कानूनी स्थिति क्या रहेगी — नगरपालिका के रूप में या पंचायत क्षेत्र के रूप में।

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