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बंदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे पर ट्रायल रन शुरू, महज 3 घंटे में तय होगी जयपुर से दिल्ली की दूरी, जानें रूट, फायदे और बाकी डिटेल्स

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दिल्ली से जयपुर की यात्रा अब और भी तेज, आसान और आरामदायक होने जा रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) बुधवार, 3 जुलाई को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के एक नए 65 किलोमीटर लंबे सेक्शन को आम जनता के लिए खोलने जा रही है। यह खंड बागड़ाना से बांदीकुई तक फैला हुआ है, जिससे दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा का समय 4.5 घंटे से घटकर मात्र 3 से 3.5 घंटे रह जाएगा।

3 जुलाई को सुबह 9 बजे से होगा ट्रायल रन

बुधवार सुबह 9 बजे से इस नए एक्सप्रेसवे लिंक पर ट्रायल रन शुरू किया जाएगा, जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की ओर से जल्द ही इसका आधिकारिक उद्घाटन भी किया जाएगा। यह नया लिंक बागड़ाना को बांदीकुई से जोड़ता है, जो आगे चलकर मुख्य दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से मिलता है।

क्या बदलेगा इस नए लिंक के बाद?

अब तक दिल्ली से जयपुर की ओर जाने वाले यात्रियों को बांधरेज (दौसा) तक एक्सप्रेसवे पर जाना पड़ता था और फिर भीड़भाड़ वाली आगरा रोड से होते हुए जयपुर पहुंचना पड़ता था। यह नया बागड़ाना–बांदीकुई लिंक इस झंझट को समाप्त करता है और सीधा, तेज व हाई-स्पीड विकल्प देता है।

यात्रा समय में भारी कटौती
  • जयपुर से DND फ्लाईवे (दिल्ली): अब सिर्फ 2.5 घंटे

  • जयपुर से दिल्ली रेलवे स्टेशन / IGI एयरपोर्ट: अब 3 से 3.5 घंटे में

यह समय बचत व्यापारियों, पर्यटकों और आम यात्रियों के लिए एक बड़ा लाभ है।

स्मार्ट डिजाइन: स्लिप लेन और क्लोवरलीफ रैंप

बागड़ाना क्रॉसिंग पर यात्रियों के लिए स्लिप लेन और क्लोवरलीफ रैंप तैयार किया गया है, जिससे रिंग रोड और रोटरी सर्कल जैसी जगहों से एक्सप्रेसवे तक पहुंचना और भी आसान हो गया है। यह संरचना पुराने और जाम वाले रास्तों को पूरी तरह बाईपास कर देगी।

चार नए इंटरचेंज बनकर तैयार

इस लिंक को और प्रभावी बनाने के लिए NHAI ने 4 महत्वपूर्ण इंटरचेंज बनाए हैं, जो आस-पास के गांवों और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेंगे:

  • भेड़ोली

  • खुरीकुर्द

  • सुंदरपुरा

  • गीला की नांगल

  • ये इंटरचेंज न सिर्फ यातायात को आसान बनाएंगे, बल्कि स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी सहायक होंगे।

    NHAI अधिकारियों की प्रतिक्रिया

    एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि “यह सेक्शन लगभग ढाई वर्षों में पूरा किया गया है। इसमें पूरी तरह कंट्रोल्ड एक्सेस, पक्के कंधे (paved shoulders), और आधुनिक इंटरचेंज सिस्टम शामिल हैं, जो ट्रैफिक जाम को कम करने और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।”

    एनएचएआई के रीजनल ऑफिसर प्रदीप अत्री ने कहा, “अभी इस सड़क का अंतिम सुरक्षा ऑडिट किया जा रहा है, और एक बार क्लीयरेंस मिलते ही 3 जुलाई से इसे ट्रायल के लिए खोल दिया जाएगा।”

    आगे की योजना: दिल्ली-आगरा हाईवे से सीधा जुड़ाव

    NHAI भविष्य में जयपुर को दिल्ली-आगरा हाईवे से सीधे जोड़ने के लिए एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार करने की योजना पर भी काम कर रही है। यह आगामी ट्रैफिक डिमांड को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र की संपर्कता को और अधिक सशक्त करेगा।

    क्यों है यह लिंक इतना महत्वपूर्ण?
    • यह नया मार्ग यात्रा समय को लगभग 1.5 घंटे तक कम करता है।

    • जयपुर शहर में प्रवेश करने के लिए अब पुराने दौसा-आगरा मार्ग की आवश्यकता नहीं रहेगी।

    • यह रूट दिल्ली-जयपुर के बीच व्यापारिक संबंधों को गति देगा।

    • दिल्ली और मुंबई के बीच बनने वाले भारत के सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे नेटवर्क में यह लिंक एक अहम जोड़ है।

    • इसके माध्यम से दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर का लाभ अब जयपुरवासियों को भी सीधे मिलेगा।

    पर्यावरण और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों को साधेगा ये एक्सप्रेसवे

    पूरी तरह से कंक्रीट और आधुनिक तकनीक से बनी यह सड़क न सिर्फ तेज यात्रा का जरिया बनेगी, बल्कि इससे वाहन कम समय में लक्ष्य पर पहुंचेंगे, जिससे ईंधन की खपत भी घटेगी और पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी।

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