भारत और पाकिस्तान के बीच कड़वाहट अब सरहदों को पार कर रिश्तों की नाजुक डोर तक पहुंच गई है। जैतसर के पास चक 3 एलसीए की भोर रश्मि अपनी डेढ़ साल की बेटी आदर्शनी कुमारी के साथ भारत में अपने मायके आई थी। लेकिन पहलगाम हमले और उसके बाद लगे वीजा प्रतिबंधों के कारण हालात ऐसे हो गए हैं कि बेटी को मां का आंचल छोड़कर अपने देश पाकिस्तान लौटना पड़ेगा, वह भी अकेले। परिवार रविवार को वीजा अवधि समाप्त होने तक वीजा अवधि बढ़वाने की कोशिश कर रहा है। वीजा अवधि बढ़वाने के लिए बच्ची के नाना ललित सिंह देर रात अटारी बॉर्डर पर जमा हो गए हैं।
वीजा अवधि बढ़वाने के बारे में पुलिस को नहीं है कोई जानकारी
थाना प्रभारी इमरान खान ने पुष्टि की कि बच्ची के नाना और उनके परिवार को जरूरी दस्तावेजों के साथ अटारी बॉर्डर पर पहुंचने को कहा गया है। वीजा अवधि बढ़वाने के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है।
मां भारतीय है और बेटी पाकिस्तानी नागरिक है
दरअसल, भोर रश्मि की शादी तीन साल पहले पाकिस्तान के अमरकोट निवासी डॉ. धनपत सिंह सोढ़ा से हुई थी। उनकी बेटी आदर्शनी का जन्म वहीं हुआ। दोनों 3 अप्रैल को भारत आए थे। 27 अप्रैल को उनका वीजा खत्म हो गया था।
वीजा खत्म, अटारी बॉर्डर से 537 लोग पाकिस्तान गए, 850 वापस भारत लौटे
अमृतसर। शॉर्ट टर्म वीजा धारकों के लिए रविवार को समय सीमा खत्म होने तक पिछले चार दिनों में अटारी बॉर्डर से कुल 537 पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान गए, जबकि 14 राजनयिकों समेत 850 भारतीय अपने देश लौटे। अटारी बॉर्डर पर प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल ने बताया कि रविवार को 237 लोग पाकिस्तान गए और नागरिक अपने देश लौटे, जबकि 116 भारतीय नागरिक वापस लौटे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने लंबी अवधि, राजनयिक और आधिकारिक वीजा को छोड़कर पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी श्रेणियों के वीजा रद्द कर दिए थे और उन्हें 27 अप्रैल तक देश छोड़ने को कहा था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी ऐसा ही कदम उठाया था।
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