यमन में फाँसी की सज़ा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में विदेश मंत्रालय के सूत्रों से जानकारी मिली है कि यमन के स्थानीय प्रशासन ने 16 जुलाई 2025 को होने वाली फाँसी को फिलहाल टाल दिया है.
उन्हें बचाने के लिए अभियान चला रहे लोगों ने बीबीसी को फाँसी की तारीख़ के बारे में जानकारी दी थी.
फाँसी की सज़ा होने के बाद निमिषा के परिवार ने भारत सरकार से इस मामले में सक्रिय होने की गुहार लगाई थी. इसके बाद सरकार की तरफ़ से परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया गया था. हाल के दिनों में सरकार ने परिवार को दूसरे पक्ष से आपसी सहमति से समाधान का समय मिले, इसके लिए लगातार प्रयास किए.
सूत्रों के मुताबिक़, मामले की संवेदनशीलता के बावजूद भारतीय अधिकारी यमन के जेल प्रशासन और अभियोजन कार्यालय के संपर्क में बने रहे, जिससे यह फाँसी टल पाई.
इससे पहले बीबीसी तमिल से बात करते हुए यमन में निमिषा मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी सैमुअल जेरोम ने कहा, "सब कुछ सकारात्मक दिशा में जा रहा है. आज (मंगलवार) के दिन के अंत तक कोई अच्छी ख़बर मिल सकती है. लेकिन यह फाँसी की सज़ा रद्द होने की ख़बर नहीं होगी. फाँसी सिर्फ़ टाली जाएगी. जल्द ही आधिकारिक घोषणा साझा करेंगे."
उन्होंने यह भी कहा था कि 'अब तक महदी के परिवार ने माफ़ी नहीं दी है. अगर वे माफ़ कर देते हैं, तभी मौत की सज़ा रद्द हो सकती है. फिलहाल हमारे पास केवल फाँसी टालने का विकल्प है, जिससे हमें परिवार से बातचीत के लिए और समय मिलेगा.'
सैमुअल जेरोम ने बीबीसी तमिल को बताया था कि यमन सरकार से अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है. हम आधिकारिक आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं.
(यह ख़बर अपडेट की जा रही है)
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
- निमिषा प्रिया की मां ने बीबीसी से कहा- 'बिना उसके यमन से वापस नहीं लौटूंगी'
- निमिषा प्रिया के पति बोले - 'मैंने अपनी बेटी से कहा कि उसकी मां जल्द लौट आएगी'
- निमिषा प्रिया से पहले कितने भारतीयों को मध्य पूर्व में हुई मौत की सज़ा
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