ओडिशा के पुरी ज़िले के बलंगा में 19 जुलाई को एक नाबालिग़ लड़की को कथित तौर पर अज्ञात लोगों ने आग के हवाले कर दिया था. शनिवार को उस लड़की की एम्स दिल्ली में मौत हो गई है.
हमले में लड़की का 70 से 75 फ़ीसदी शरीर जल गया था और फिर उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
लड़की के पिता का कहना है कि वह किसी को दोष नहीं देना चाहते हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पिता ने कहा, "मैं किसी पर उंगली नहीं उठाना चाहता. मेरी बेटी के लिए हर धर्म के लोगों ने दुआ की. मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है. मेरी बेटी शायद मेरी क़िस्मत में ही नहीं थी. मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता."
"आपसे बस यही गुज़ारिश है कि मुझे और मेरे परिवार को राजनीति से दूर रखें. जब तक वह हमारे साथ घर पर थी, सब ठीक था. मुझे नहीं पता यह कैसे हो गया."
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना को परिजनों के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए बच्ची की आत्मा के लिए प्रार्थना की है.
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास ने मामले में किसी के पकड़े न जाने को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना की है.
'पुलिस के हाथ ख़ाली क्यों'घटना को लेकर ओडिशा पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किया है. पुलिस के मुताबिक़, अब तक की जांच में यह साफ़ है कि इस घटना में कोई और शामिल नहीं है.
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने एक्स पर लिखा, "यह जानकर बहुत दुख हुआ कि पुरी ज़िले के बलंगा क्षेत्र में आग लगाकर जलाई गई लड़की की एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई. मेरी संवेदनाएं लड़की के साथ हैं. इस दुख की घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं परिवार के साथ हैं."
ओडिशा पुलिस ने एक्स पर लिखा, "बलंगा घटना की पीड़ित लड़की की मौत की ख़बर से हमें गहरा दुख पहुंचा है. पुलिस ने इस मामले की पूरी तरह जांच की है और जांच अब अंतिम चरण में है."
"अब तक की जांच में यह साफ़ है कि इस घटना में कोई और शामिल नहीं है. इसलिए हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस दुखद समय में इस पर कोई संवेदनशील टिप्पणी न करें."
ओडिशा पुलिस की एक्स पोस्ट में बच्ची की मौत की वजह क्या है, इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा है.
ओडिशा पुलिस के इस बयान पर राज्य के मुख्य विपक्षी दल ने सवाल खड़े किए हैं.
बीजू जनता दल की राज्यसभा सांसद सुलता देव का कहना है कि अब तक सरकार के हाथ ख़ाली क्यों हैं?
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सुलता देव कहती हैं, "दुख की बात है कि चार बार बयान देने और 15 दिन के बाद सरकार के हाथ ख़ाली क्यों हैं? ओडिशा में चल क्या रहा है? ओडिशा की बीजेपी सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं?"
ये घटना किस हालत में घटी अब तक यह नहीं पता चल पाया है.
बीजेडी सांसद शुभाशीष खुंटिया ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा, "बच्ची की मौत के बाद अब पुलिस का यह ट्वीट क्यों आया? घटना के 15 दिन के अंदर पुलिस ने जांच के बारे में क्यों नहीं बताया. हम ऐसे ट्वीट की निंदा करते हैं."
'दोषी को माझी सरकार सज़ा देगी'
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने एक्स पोस्ट में कहा, "बलंगा घटना में पीड़ित बच्ची की मृत्यु का समाचार सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है. सरकार के तमाम प्रयासों और एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की टीम के दिन-रात कोशिश के बावजूद, उसकी जान नहीं बचाई जा सकी."
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास ने मामले में डीजीपी ऑफ़िस के घेराव की बात कही है.
उन्होंने कहा, "ओडिशा ऐसे मामलों के लिए पूरे विश्व में बदनाम है. 7 दिन के अंदर अगर मामले में दोषियों को पकड़ा नहीं गया तो डीजीपी ऑफ़िस का कांग्रेस घेराव करेगी."
बीजेपी का कहना है कि मामले में किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा.
बीजेपी सांसद डॉ. रवीन्द्र नारायण बेहरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "बीजेडी की सरकार में महिलाओं पर अत्याचार हुए लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया था. हमारी सरकार जांच से लेकर मेडिकल ट्रीटमेंट तक तुरंत एक्शन ले रही है. बहुत दुखद घटना है. जो दोषी है उन्हें माझी सरकार दंडित ज़रूर करेगी."
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ओडिशा के पुरी ज़िले में 19 जुलाई को एक नाबालिग़ लड़की को कथित तौर पर तीन अज्ञात युवकों ने आग लगा दी थी.
मामले की जांच कर रही पुलिस को घटनास्थल से केरोसीन की बोतल मिली थी. मौत की ख़बर सामने आने के बाद ओडिशा पुलिस ने प्रारंभिक जांच के दौरान बताया है कि घटना में किसी अन्य व्यक्ति का हाथ नहीं है.
घटना में लड़की के शरीर का 70-75 प्रतिशत हिस्सा जल गया था. उसे भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था. अगले दिन राज्य सरकार की मदद से लड़की को दिल्ली एयरलिफ़्ट करके लाया गया था.
पुलिस ने लड़की के बयान को दर्ज किया है लेकिन अब तक यह नहीं बताया कि किन हालात में यह घटना घटी है.
इससे पहले ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती एक छात्रा की मौत हो गई थी.
छात्रा ने यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में कार्रवाई न होने से आत्महत्या की कोशिश की थी. इसके बाद छात्रा को गंभीर हालत में एम्स भुवनेश्वर में भर्ती करवाया गया था.
छात्रा ने ओडिशा के बालासोर के फ़कीर मोहन कॉलेज में एक विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त विभागाध्यक्ष समीर साहू और कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को गिरफ़्तार किया था.
छात्रा के पिता का कहना है कि जांच समिति ने ग़लत रिपोर्ट देकर उनकी बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया. वहीं, बालासोर पुलिस ने कहा था कि वह इंटरनल कमिटी की रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी.
(आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. अगर आप भी तनाव से गुज़र रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 1800 233 3330 से मदद ले सकते हैं. आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए.)
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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