अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर अगले दौर की द्विपक्षीय चर्चा के लिए अमेरिकी टीम 25 अगस्त को भारत आएगी. यह जानकारी एक अधिकारी ने आज यानी 29 जुलाई को दी. यह अमेरिका की टीम के साथ 6वें दौर की मीटिंग होगी. इससे पहले, पिछले हफ्ते अमेरिका की टीम ने वाशिंगटन में पांचवें दौर की बातचीत पूरी की थी.
अधिकारी ने बताया कि 1 अगस्त की समयसीमा के करीब आने के कारण दोनों पक्ष एक अस्थायी ट्रेड एग्रीमेंट (व्यापार समझौते) पर भी विचार कर रहे हैं. दरअसल, 1 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और कई अन्य देशों पर लगाए गए 26 प्रतिशत टैक्स को हटाने का जो समय दिया था, वह खत्म हो रहा है.
अभी 1 अगस्त से पहले एक अस्थायी ट्रेड एग्रीमेंट के लिए चर्चा
भारत के चीफ नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल और अमेरिका के सहायक ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने आपस में चर्चा की है. यह चर्चा इसलिए जरूरी है क्योंकि दोनों देश चाहते हैं कि 1 अगस्त से पहले एक अस्थायी ट्रेड एग्रीमेंट हो जाए. इस साल 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई देशों पर ज्यादा टैक्स लगाने की बात कही थी. लेकिन इसे 90 दिन के लिए टाला गया था, जो बाद में बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया, क्योंकि अमेरिका कई देशों के साथ नए ट्रेड एग्रीमेंट कर रहा है.
भारत कृषि और दूध से जुड़े प्रोडक्ट पर टैक्स कम करने के लिए सहमत नहीं
भारत ने अमेरिका की उस मांग से सहमत नहीं है जिसमें अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और दूध से जुड़े प्रोडक्ट पर टैक्स कम करे. भारत ने अब तक किसी भी देश को अपने दूध वाले प्रोडक्ट पर टैक्स कम नहीं किया है. इसके साथ ही कुछ किसान संगठन भी सरकार से कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर से जुड़े मुद्दे इस ट्रेड एग्रीमेंट में न आएं.
भारत के पास जवाबी टैक्स लगाने का अधिकार
भारत चाहता है कि अमेरिका 26% अतिरिक्त टैक्स (टैरिफ) ना लगाए. इसके साथ ही, भारत स्टील और एल्युमिनियम पर लगे 50% टैक्स और गाड़ियों (ऑटो सेक्टर) पर लगे 25% टैक्स में भी राहत चाहता है. ये सभी मुद्दे भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड एग्रीमेंट बातचीत का अहम हिस्सा हैं. अगर अमेरिका भारत की मांगों को नहीं मानता, तो भारत के पास WTO (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) के नियमों के तहत जवाबी टैक्स लगाने का अधिकार है.
भारत और अमेरिका की मांगे
भारत उन क्षेत्रों के लिए भी टैक्स में छूट चाहता है जहां बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं, जैसे- कपड़े, गहने, चमड़े के सामान, रेडीमेड कपड़े, प्लास्टिक, केमिकल्स, तेल वाले बीज, अंगूर और केले. दूसरी ओर अमेरिका चाहता है कि भारत कुछ खास चीजों पर टैरिफ कम करे, जैसे- औद्योगिक सामान, गाड़ियां (खासकर इलेक्ट्रिक), वाइन, पेट्रोकेमिकल्स, खेती के उत्पाद, डेयरी आइटम, सेब, ड्राई फ्रूट्स और जेनेटिकली बदली गई फसलें. दोनों देश मिलकर इस साल सितंबर-अक्टूबर तक एक बड़ा व्यापार समझौता (BTA – बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट) करना चाहते हैं. लेकिन उससे पहले वे एक छोटा समझौता भी कर सकते हैं.
अधिकारी ने बताया कि 1 अगस्त की समयसीमा के करीब आने के कारण दोनों पक्ष एक अस्थायी ट्रेड एग्रीमेंट (व्यापार समझौते) पर भी विचार कर रहे हैं. दरअसल, 1 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और कई अन्य देशों पर लगाए गए 26 प्रतिशत टैक्स को हटाने का जो समय दिया था, वह खत्म हो रहा है.
अभी 1 अगस्त से पहले एक अस्थायी ट्रेड एग्रीमेंट के लिए चर्चा
भारत के चीफ नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल और अमेरिका के सहायक ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने आपस में चर्चा की है. यह चर्चा इसलिए जरूरी है क्योंकि दोनों देश चाहते हैं कि 1 अगस्त से पहले एक अस्थायी ट्रेड एग्रीमेंट हो जाए. इस साल 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई देशों पर ज्यादा टैक्स लगाने की बात कही थी. लेकिन इसे 90 दिन के लिए टाला गया था, जो बाद में बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया, क्योंकि अमेरिका कई देशों के साथ नए ट्रेड एग्रीमेंट कर रहा है.
भारत कृषि और दूध से जुड़े प्रोडक्ट पर टैक्स कम करने के लिए सहमत नहीं
भारत ने अमेरिका की उस मांग से सहमत नहीं है जिसमें अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और दूध से जुड़े प्रोडक्ट पर टैक्स कम करे. भारत ने अब तक किसी भी देश को अपने दूध वाले प्रोडक्ट पर टैक्स कम नहीं किया है. इसके साथ ही कुछ किसान संगठन भी सरकार से कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर से जुड़े मुद्दे इस ट्रेड एग्रीमेंट में न आएं.
भारत के पास जवाबी टैक्स लगाने का अधिकार
भारत चाहता है कि अमेरिका 26% अतिरिक्त टैक्स (टैरिफ) ना लगाए. इसके साथ ही, भारत स्टील और एल्युमिनियम पर लगे 50% टैक्स और गाड़ियों (ऑटो सेक्टर) पर लगे 25% टैक्स में भी राहत चाहता है. ये सभी मुद्दे भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड एग्रीमेंट बातचीत का अहम हिस्सा हैं. अगर अमेरिका भारत की मांगों को नहीं मानता, तो भारत के पास WTO (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) के नियमों के तहत जवाबी टैक्स लगाने का अधिकार है.
भारत और अमेरिका की मांगे
भारत उन क्षेत्रों के लिए भी टैक्स में छूट चाहता है जहां बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं, जैसे- कपड़े, गहने, चमड़े के सामान, रेडीमेड कपड़े, प्लास्टिक, केमिकल्स, तेल वाले बीज, अंगूर और केले. दूसरी ओर अमेरिका चाहता है कि भारत कुछ खास चीजों पर टैरिफ कम करे, जैसे- औद्योगिक सामान, गाड़ियां (खासकर इलेक्ट्रिक), वाइन, पेट्रोकेमिकल्स, खेती के उत्पाद, डेयरी आइटम, सेब, ड्राई फ्रूट्स और जेनेटिकली बदली गई फसलें. दोनों देश मिलकर इस साल सितंबर-अक्टूबर तक एक बड़ा व्यापार समझौता (BTA – बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट) करना चाहते हैं. लेकिन उससे पहले वे एक छोटा समझौता भी कर सकते हैं.
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