एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी अब रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में हैं। उनका अगला बड़ा लक्ष्य कंपनी के मौजूदा ₹19 लाख करोड़ के साम्राज्य को FY30 तक दोगुना करना है। यह सिर्फ अंबानी का विजन नहीं, बल्कि देशभर के 44 लाख से ज्यादा शेयरधारकों के लिए भी एक सुनहरा मौका है। रिलायंस का शेयर पहले ही इस साल 16% चढ़ चुका है, खासकर 2024 के सुस्त परफॉर्मेंस के बाद।
अब सबकी नजरें 29 अगस्त को होने वाली एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) पर टिकी हैं, जहां अंबानी कुछ ऐसे बड़े एलान कर सकते हैं जो कंपनी के भविष्य की दिशा तय करेंगे और निवेशकों के लिए जबरदस्त वैल्यू क्रिएट कर सकते हैं।
जियो और रिटेल पर बड़ा भरोसा
रिलायंस का मानना है कि आने वाले सालों में उसकी सबसे ज्यादा ग्रोथ जियो और रिटेल बिजनेस से आएगी। कंपनी का लक्ष्य है कि अगले 3-4 सालों में इन दोनों बिजनेस की कमाई दोगुनी की जाए। यही भविष्य में पूरे ग्रुप की ग्रोथ का मुख्य इंजन होंगे।
तिमाही नतीजे और आगे की उम्मीदें
कंपनी के जून तिमाही के नतीजे मिलेजुले रहे, लेकिन मैनेजमेंट का मानना है कि आगे ग्रोथ अच्छी रहेगी। कंपनी ने FY29-30 तक पूरे ग्रुप का EBITDA दोगुना करने का लक्ष्य दोहराया है। खासकर जियो में टैरिफ बढ़ोतरी और रिटेल बिजनेस के पटरी पर लौटने से आने वाले तिमाहियों में तेजी दिखेगी।
CLSA का अनुमान
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस CLSA ने भी रिलायंस पर भरोसा जताया है। उनका कहना है कि कंपनी का EBITDA आने वाले समय में काफी बेहतर होगा। CLSA का मानना है कि फिलहाल रिलायंस का स्टॉक एक सीमित दायरे में ट्रेड कर रहा है और इसकी असली वैल्यू पूरी तरह दिख नहीं रही है। आने वाले समय में इसमें बड़ी तेजी आ सकती है।
CLSA ने RIL पर ₹1,650 का टारगेट प्राइस दिया है और इसे 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग में रखा है। उनका कहना है कि जबकि भारतीय बाजार का वैल्यूएशन पहले से ही हाई है, रिलायंस अभी भी एक मजबूत और सुरक्षित ऑप्शन है।
न्यू एनर्जी बिजनेस पर भी फोकस
रिलायंस सिर्फ जियो और रिटेल पर ही नहीं, बल्कि न्यू एनर्जी बिजनेस पर भी बड़ा दांव लगा रही है। कंपनी की योजना है कि इसे इतना बड़ा बनाया जाए कि यह उसके O2C (ऑयल टू केमिकल्स) बिजनेस जितना ताकतवर हो जाए।
कैपेक्स के बावजूद होगा मुनाफा
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बदलाव की कहानी पर अब देश-विदेश की बड़ी इनवेस्टमेंट बैंक भी भरोसा दिखा रही हैं। उनका मानना है कि कंपनी के रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस अब FY25 की कुल कंसोलिडेटेड EBITDA का लगभग 54% हिस्सा बनाते हैं और आने वाले तीन सालों में EBITDA ग्रोथ का लगभग पूरा योगदान इन्हीं दो सेक्टर से आने वाला है।
एक ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान लगाया है कि भारी पूंजीगत खर्च (Capex) की योजना के बावजूद रिलायंस पॉजिटिव फ्री कैश फ्लो देने में सक्षम होगी। उन्होंने कंपनी के लिए ₹1,695 का टारगेट प्राइस तय किया है। इसके साथ ही, कंपनी का यह भरोसा कि उसका नेट डेट/EBITDA रेशियो 1x से नीचे रहेगा, जो आने वाले समय में मजबूत कैश जेनरेशन का संकेत देता है।
हर सेक्टर में ग्रोथ की उम्मीद: गोल्डमैन सैक्स
गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि FY25 से FY28 के बीच रिलायंस की कमाई हर साल औसतन 13% की दर से बढ़ेगी। उनका मानना है कि कंपनी के सभी बिजनेस- टेलीकॉम, रिटेल, एनर्जी और डिजिटल अब तेजी से आगे बढ़ेंगे। खासकर रिटेल में नए फैशन ब्रांड्स, फास्ट डिलीवरी (क्विक कॉमर्स) और अपने खुद के कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की वजह से कंपनी की सेल्स 17% की दर से बढ़ सकती है।
HSBC ने 4 साल बाद रिलायंस पर दिखाया भरोसा
HSBC बैंक, जो पिछले 4 सालों से रिलायंस के स्टॉक पर 'न्यूट्रल'यानी न तो खरीदो, न बेचो जैसी राय दे रहा था- अब उसने रिलायंस को 'बाय' यानी खरीदने की सलाह दी है। उन्होंने कंपनी का टारगेट प्राइस ₹1,630 बताया है। उनका मानना है कि रिलायंस के लिए तीन बड़ी चीजें गेमचेंजर साबित हो सकती हैं- रिटेल बिजनेस की दोबारा मजबूत वापसी, न्यू एनर्जी (हरित ऊर्जा) बिजनेस की शुरुआत और डिजिटल बिजनेस में तेजी।
न्यू एनर्जी: रिलायंस की कमाई का तीसरी बड़ा पिलर
रिलायंस इंडस्ट्रीज अब सिर्फ तेल, टेलीकॉम और रिटेल तक सीमित नहीं है। कंपनी अब ग्रीन एनर्जी यानी साफ-सुथरी पर्यावरण के अनुकूल एनर्जी में भी बड़ी छलांग लगाने जा रही है। मुकेश अंबानी का मानना है कि यही सेक्टर रिलायंस को अगले कुछ सालों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
नोमुरा जैसी बड़ी इनवेस्टमेंट फर्म का कहना है कि रिलायंस का न्यू एनर्जी बिजनेस उसकी अगली ग्रोथ मशीन बन सकता है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह सोलर पैनल बनाने से लेकर बैटरी स्टोरेज तक पूरी टेक्नोलॉजी अपने पास रखे और इसे बड़े स्तर पर बनाए।
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, रिलायंस ने अभी 1 गीगावॉट (GW) की क्षमता से सोलर प्रोडक्शन की शुरुआत की है। लेकिन 2026 तक यह क्षमता 10 गीगावॉट तक बढ़ा दी जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि कंपनी को अपनी फैक्ट्रियों और डेटा सेंटर्स के लिए सस्ती बिजली मिलेगी। रिलायंस का मानना है कि अगर वह अपने बिजनेस में ग्रीन एनर्जी का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे, तो उसकी बिजली की लागत 25% तक कम हो सकती है।
आने वाले महीनों में दो बड़े मौके
अगले 12 से 15 महीनों में दो चीजें रिलायंस के लिए बहुत अहम हो सकती हैं। न्यू एनर्जी प्रोजेक्ट्स की शुरुआत और जियो का IPO। यानी कंपनी पहली बार जियो को शेयर बाजार में लाने की तैयारी कर सकती है। इसलिए 29 अगस्त को होने वाली रिलायंस की AGM को लेकर सबकी नजरें लगी हुई हैं, क्योंकि यहां कई बड़े एलान हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: जो सुझाव या राय एक्सपर्ट देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती.
अब सबकी नजरें 29 अगस्त को होने वाली एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) पर टिकी हैं, जहां अंबानी कुछ ऐसे बड़े एलान कर सकते हैं जो कंपनी के भविष्य की दिशा तय करेंगे और निवेशकों के लिए जबरदस्त वैल्यू क्रिएट कर सकते हैं।
जियो और रिटेल पर बड़ा भरोसा
रिलायंस का मानना है कि आने वाले सालों में उसकी सबसे ज्यादा ग्रोथ जियो और रिटेल बिजनेस से आएगी। कंपनी का लक्ष्य है कि अगले 3-4 सालों में इन दोनों बिजनेस की कमाई दोगुनी की जाए। यही भविष्य में पूरे ग्रुप की ग्रोथ का मुख्य इंजन होंगे।
तिमाही नतीजे और आगे की उम्मीदें
कंपनी के जून तिमाही के नतीजे मिलेजुले रहे, लेकिन मैनेजमेंट का मानना है कि आगे ग्रोथ अच्छी रहेगी। कंपनी ने FY29-30 तक पूरे ग्रुप का EBITDA दोगुना करने का लक्ष्य दोहराया है। खासकर जियो में टैरिफ बढ़ोतरी और रिटेल बिजनेस के पटरी पर लौटने से आने वाले तिमाहियों में तेजी दिखेगी।
CLSA का अनुमान
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस CLSA ने भी रिलायंस पर भरोसा जताया है। उनका कहना है कि कंपनी का EBITDA आने वाले समय में काफी बेहतर होगा। CLSA का मानना है कि फिलहाल रिलायंस का स्टॉक एक सीमित दायरे में ट्रेड कर रहा है और इसकी असली वैल्यू पूरी तरह दिख नहीं रही है। आने वाले समय में इसमें बड़ी तेजी आ सकती है।
CLSA ने RIL पर ₹1,650 का टारगेट प्राइस दिया है और इसे 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग में रखा है। उनका कहना है कि जबकि भारतीय बाजार का वैल्यूएशन पहले से ही हाई है, रिलायंस अभी भी एक मजबूत और सुरक्षित ऑप्शन है।
न्यू एनर्जी बिजनेस पर भी फोकस
रिलायंस सिर्फ जियो और रिटेल पर ही नहीं, बल्कि न्यू एनर्जी बिजनेस पर भी बड़ा दांव लगा रही है। कंपनी की योजना है कि इसे इतना बड़ा बनाया जाए कि यह उसके O2C (ऑयल टू केमिकल्स) बिजनेस जितना ताकतवर हो जाए।
कैपेक्स के बावजूद होगा मुनाफा
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बदलाव की कहानी पर अब देश-विदेश की बड़ी इनवेस्टमेंट बैंक भी भरोसा दिखा रही हैं। उनका मानना है कि कंपनी के रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस अब FY25 की कुल कंसोलिडेटेड EBITDA का लगभग 54% हिस्सा बनाते हैं और आने वाले तीन सालों में EBITDA ग्रोथ का लगभग पूरा योगदान इन्हीं दो सेक्टर से आने वाला है।
एक ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान लगाया है कि भारी पूंजीगत खर्च (Capex) की योजना के बावजूद रिलायंस पॉजिटिव फ्री कैश फ्लो देने में सक्षम होगी। उन्होंने कंपनी के लिए ₹1,695 का टारगेट प्राइस तय किया है। इसके साथ ही, कंपनी का यह भरोसा कि उसका नेट डेट/EBITDA रेशियो 1x से नीचे रहेगा, जो आने वाले समय में मजबूत कैश जेनरेशन का संकेत देता है।
हर सेक्टर में ग्रोथ की उम्मीद: गोल्डमैन सैक्स
गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि FY25 से FY28 के बीच रिलायंस की कमाई हर साल औसतन 13% की दर से बढ़ेगी। उनका मानना है कि कंपनी के सभी बिजनेस- टेलीकॉम, रिटेल, एनर्जी और डिजिटल अब तेजी से आगे बढ़ेंगे। खासकर रिटेल में नए फैशन ब्रांड्स, फास्ट डिलीवरी (क्विक कॉमर्स) और अपने खुद के कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की वजह से कंपनी की सेल्स 17% की दर से बढ़ सकती है।
HSBC ने 4 साल बाद रिलायंस पर दिखाया भरोसा
HSBC बैंक, जो पिछले 4 सालों से रिलायंस के स्टॉक पर 'न्यूट्रल'यानी न तो खरीदो, न बेचो जैसी राय दे रहा था- अब उसने रिलायंस को 'बाय' यानी खरीदने की सलाह दी है। उन्होंने कंपनी का टारगेट प्राइस ₹1,630 बताया है। उनका मानना है कि रिलायंस के लिए तीन बड़ी चीजें गेमचेंजर साबित हो सकती हैं- रिटेल बिजनेस की दोबारा मजबूत वापसी, न्यू एनर्जी (हरित ऊर्जा) बिजनेस की शुरुआत और डिजिटल बिजनेस में तेजी।
न्यू एनर्जी: रिलायंस की कमाई का तीसरी बड़ा पिलर
रिलायंस इंडस्ट्रीज अब सिर्फ तेल, टेलीकॉम और रिटेल तक सीमित नहीं है। कंपनी अब ग्रीन एनर्जी यानी साफ-सुथरी पर्यावरण के अनुकूल एनर्जी में भी बड़ी छलांग लगाने जा रही है। मुकेश अंबानी का मानना है कि यही सेक्टर रिलायंस को अगले कुछ सालों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
नोमुरा जैसी बड़ी इनवेस्टमेंट फर्म का कहना है कि रिलायंस का न्यू एनर्जी बिजनेस उसकी अगली ग्रोथ मशीन बन सकता है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह सोलर पैनल बनाने से लेकर बैटरी स्टोरेज तक पूरी टेक्नोलॉजी अपने पास रखे और इसे बड़े स्तर पर बनाए।
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, रिलायंस ने अभी 1 गीगावॉट (GW) की क्षमता से सोलर प्रोडक्शन की शुरुआत की है। लेकिन 2026 तक यह क्षमता 10 गीगावॉट तक बढ़ा दी जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि कंपनी को अपनी फैक्ट्रियों और डेटा सेंटर्स के लिए सस्ती बिजली मिलेगी। रिलायंस का मानना है कि अगर वह अपने बिजनेस में ग्रीन एनर्जी का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे, तो उसकी बिजली की लागत 25% तक कम हो सकती है।
आने वाले महीनों में दो बड़े मौके
अगले 12 से 15 महीनों में दो चीजें रिलायंस के लिए बहुत अहम हो सकती हैं। न्यू एनर्जी प्रोजेक्ट्स की शुरुआत और जियो का IPO। यानी कंपनी पहली बार जियो को शेयर बाजार में लाने की तैयारी कर सकती है। इसलिए 29 अगस्त को होने वाली रिलायंस की AGM को लेकर सबकी नजरें लगी हुई हैं, क्योंकि यहां कई बड़े एलान हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: जो सुझाव या राय एक्सपर्ट देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती.
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