किसी भी कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी यह दिखाती है कि वे अपनी कंपनी में कितना विश्वास रखते हैं। अगर प्रमोटरों ने अपनी हिस्सेदारी कम की है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि वे कंपनी के विस्तार या नए प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे जुटा रहे हैं। वहीं, निवेशकों के लिए यह सोचने की बात भी हो सकती है कि क्या मैनेजमेंट और शेयरहोल्डर्स के हित एक जैसे हैं। NSE के लार्जकैप सेगमेंट में हमने उन टॉप 9 कंपनियों को चुना है जहां जून 2025 तिमाही की तुलना में सितंबर 2025 तिमाही में प्रमोटरों की हिस्सेदारी कम हुई है, जो StockEdge शेयरहोल्डिंग स्कैन के डेटा पर बेस्ड है।
InterGlobe Aviation
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 41.58% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 43.54% थी।
State Bank of India
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 55.50% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 57.42% थी।
CG Power and Industrial Solutions
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 56.37% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 58.05% थी।
Apollo Hospitals Enterprise
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 28.02% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 29.34% थी।
Bharti Airtel
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 50.27% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 51.25% थी।
Varun Beverages
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 59.44% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 59.82% थी।
Infosys
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 14.30% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 14.61% थी।
Bajaj Finance
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 54.66% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 54.73% थी।
Reliance Industries
प्रमोटर्स की होल्डिंग सितंबर 2025 तिमाही में 50.01% रह गई, जो जून 2025 तिमाही में 50.07% थी।
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