राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि भारत को अपनी असाधारण क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को नए अवसरों में बदलना चाहिए। उन्होंने इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (EEPC) के प्लैटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात का डेस्टिनेशन काफी बदल गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि EEPC को इस परिवर्तन की प्रोसेस को जारी रखना चाहिए और 'नेशन फर्स्ट' की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, 'वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का इस्तेमाल करके अवसरों में बदलना होगा।'
भारत की बड़ी ताकत है कम लागत में बेहतरीन इंजीनियरिंग
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत की एक बड़ी ताकत है- कम लागत में बेहतरीन क्वालिटी की इंजीनियरिंग सर्विस और प्रोडक्ट बनाना। इसी वजह से भारत का इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में भारत का इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है। यह तब और भी बड़ी बात है जब दुनिया में व्यापार से जुड़ी कई चुनौतियां आईं।
EEPC बना है भारत और दुनिया के बीच सेतु
राष्ट्रपति ने कहा कि EEPC ने भारतीय उत्पादकों और अंतरराष्ट्रीय बाजार के बीच पुल की तरह काम किया है। उन्होंने EEPC से कहा कि भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन में और मजबूत भूमिका निभानी चाहिए। दुनिया में व्यापार और अर्थव्यवस्था के नियम तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे समय में EEPC की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि EEPC को अब और भी मजबूती और सोच-समझ के साथ काम करना चाहिए।
भारत को बनाना है ग्लोबल इनोवेशन सेंटर
राष्ट्रपति मुर्मू उन्होंने कहा कि आज दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर भारत में हैं। अब जरूरत है कि EEPC जैसे संगठन भारत को 'ग्लोबल इनोवेशन सेंटर' बनाने की दिशा में आगे बढ़ें। इसके लिए सही माहौल और सुविधाएं देना जरूरी है। लास्ट में राष्ट्रपति मुर्मू ने EEPC से जुड़े सभी लोगों से आग्रह किया कि वे देश की प्रतिभा और एनर्जी को आगे लाने के लिए ऐसा इकोसिस्टम तैयार करें, जिससे भारत एक लीडिंग 'इनोवेशन इकोनॉमी' बन सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि EEPC को इस परिवर्तन की प्रोसेस को जारी रखना चाहिए और 'नेशन फर्स्ट' की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, 'वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का इस्तेमाल करके अवसरों में बदलना होगा।'
भारत की बड़ी ताकत है कम लागत में बेहतरीन इंजीनियरिंग
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत की एक बड़ी ताकत है- कम लागत में बेहतरीन क्वालिटी की इंजीनियरिंग सर्विस और प्रोडक्ट बनाना। इसी वजह से भारत का इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में भारत का इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है। यह तब और भी बड़ी बात है जब दुनिया में व्यापार से जुड़ी कई चुनौतियां आईं।
EEPC बना है भारत और दुनिया के बीच सेतु
राष्ट्रपति ने कहा कि EEPC ने भारतीय उत्पादकों और अंतरराष्ट्रीय बाजार के बीच पुल की तरह काम किया है। उन्होंने EEPC से कहा कि भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन में और मजबूत भूमिका निभानी चाहिए। दुनिया में व्यापार और अर्थव्यवस्था के नियम तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे समय में EEPC की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि EEPC को अब और भी मजबूती और सोच-समझ के साथ काम करना चाहिए।
भारत को बनाना है ग्लोबल इनोवेशन सेंटर
राष्ट्रपति मुर्मू उन्होंने कहा कि आज दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर भारत में हैं। अब जरूरत है कि EEPC जैसे संगठन भारत को 'ग्लोबल इनोवेशन सेंटर' बनाने की दिशा में आगे बढ़ें। इसके लिए सही माहौल और सुविधाएं देना जरूरी है। लास्ट में राष्ट्रपति मुर्मू ने EEPC से जुड़े सभी लोगों से आग्रह किया कि वे देश की प्रतिभा और एनर्जी को आगे लाने के लिए ऐसा इकोसिस्टम तैयार करें, जिससे भारत एक लीडिंग 'इनोवेशन इकोनॉमी' बन सके।
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