रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने कई कंपनियों को एक्वायर किया है या हिस्सेदारी ली है, जिसमें छोटी और बड़ी पूंजी दोनों तरह की कंपनियां हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने टेक्स्टाइल सेक्टर की कंपनी आलोक इंडस्ट्रीज़ में भी निर्णायक हिस्सेदारी ली है. कंपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज़ में बरसों से है और अपने सीमित दायरे में काम कर रही है, लेकिन रिलायंस का नाम जुड़ने से कंपनी एक अलग ट्रैक पर आने की तैयारी में है.
आलोक इंडस्ट्रीज़ के शेयर बुधवार को मामूली बढ़त के बाद 19.20 रुपए के लेवल पर बंद हुए. इस कंपनी का मार्केट कैप 9.53 हज़ार करोड़ रुपए है.
शेयर प्राइस में मूवमेंटAlok Industries Ltd के शेयर का 52 वीक लो लेवल 14 रुपए है और स्टॉक मार्च 2025 में इस लो लेवल पर पहुंचा था. इसका 52 वीक का हाई लेवल 30 रुपए है. आलोक इंडस्ट्रीज़ के शेयर अपने लो लेवल 14 रुपए के लेवल से ऊपर उठ रहे हैं. पिछले एक माह में इस स्टॉक में 14% की तेज़ी देखी गई है.
अलोक इंडस्ट्रीज़ के शेयर बॉटम देखने के बाद अब एक बार फिर ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं. शेयर प्राइस में हालांकि बहुत कम मूवमेंट हो रही है, लेकिन कर्ज़ कम होने और कुछ नया होने की आस में यह स्टॉक चर्चा में रहता है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की हिस्सेदारीआलोक इंडस्ट्रीज़ में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की 40% हिस्सेदारी है. स्टॉक ने हाल ही में अपने लो लेवल से सपोर्ट लेकर ऊपर की ओर मूवमेंट दिखाना शुरू किया है. आलोक इंडस्ट्रीज एक टेक्सटाइल कंपनी है जो कॉटन और पॉलिएस्टर सेगमेंट में मौजूद है. कंपनी टेक्सटाइल निर्माण, मरम्मत और पैकिंग एक्टिविटीज़, लेदर और अन्य अपैरल प्रोडक्ट बनाती है.
मार्च 2025 के अंत तक रिलायंस इंडस्ट्रीज की आलोक इंडस्ट्रीज में 40.01% हिस्सेदारी है. यह हिस्सेदारी जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ जॉइंट बिड के माध्यम से हासिल की गई थी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्च 2020 में आलोक इंडस्ट्रीज में 40.1% हिस्सेदारी हासिल की. यह हिस्सेदारी 250 करोड़ रुपए के निवेश के माध्यम से प्राप्त की गई, जिसमें 83.33 करोड़ इक्विटी शेयर (प्रति शेयर 1 की फेस वैल्यू और 2 रुपए का प्रीमियम) शामिल थे. इसके अतिरिक्त रिलायंस को 250 करोड़ 9% वैकल्पिक रूप से कन्वर्टिबल प्रेफेरेंशियल शेयर (OCPS) भी आवंटित किए गए, जिनकी कुल वैल्यू 250 करोड़ रुपए रही.
जनवरी 2024 में रिलायंस ने आलोक इंडस्ट्रीज में 3,300 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया. यह निवेश 3,300 करोड़ 9% नॉन- कनवर्टिबल रिडीमेबल प्रेफेरेंशियल शेयरों (प्रति शेयर 1) के माध्यम से किया गया. ये शेयर 20 वर्षों की अवधि के भीतर कंपनी के ऑप्शन पर रिडीम किए जा सकते हैं.
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