जब भी बैंक या वित्तीय संस्थानों के द्वारा लोन दिया जाता है तब क्रेडिट स्कोर, नौकरी की स्थिरता, लोन रिपेमेंट की हिस्ट्री जैसी चीजें देखी जाती है। इन सभी का आकलन करने के बाद ही लोन की मंजूरी मिलती है। तो क्या यदि बार-बार नौकरी बदली जाए तो भी पर्सनल लोन की मंजूरी मिलने में दिक्कत हो सकती है? इसका जवाब है हां, कई बार ऋण की स्वीकृति नौकरी बदलने की स्थिति के कारण प्रभावित हो सकती है।
तेजी से नौकरी बदल रहे हैं युवाआज के दौर में युवा नौकरी तेजी से बदल रहे हैं। जिसके पीछे के कई कारण है जैसे रोजगार के अवसर, बेहतर पैकेज आदि। लेकिन ऐसा करने से कई बार क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन आदि के लिए स्वीकृति मिलने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा उस वक्त ज्यादा देखने को मिल सकता है, जब लोन देने वाले संस्थान के द्वारा नौकरी की स्थिरता की बारिकी से जांच की जाए।
लोन पात्रता की शर्तेंपर्सनल लोन देने से पहले वित्तीय संस्थाओं के द्वारा कई चीजों की बारीकी से जांच की जाती है। जिसमें रोजगार की स्थिरता भी एक प्रमुख कारक हो सकता है। ऐसे व्यक्ति जिनका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर नहीं है उनके लिए यह बड़ी समस्या बन सकती है। जैसे पहले किसी एजुकेशन लोन, होम लोन या अन्य प्रकार के लोन में डिफॉल्ट किया हो या ईएमआई डिफॉल्ट की हिस्ट्री रही हो, तो ऐसे व्यक्तियों को भी लोन की मंजूरी मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इन्हें मिलती है प्राथमिकताबैंक को या वित्तीय संस्थानों के द्वारा ऐसे लोगों को लोन देने में प्राथमिकता दी जाती है जिन्होंने कम से कम 6 महीने से अपनी नौकरी नहीं बदली हो। वित्तीय संस्थानों के द्वारा रोजगार में बार-बार होने वाले परिवर्तन को वित्तीय अस्थिरता माना जाता है। यह माना जाता है कि व्यक्ति लोन को समय पर चुकाने में समर्थ नहीं रहेगा।
इस पर भी ध्यान देंहमेशा नौकरी बदलने का अर्थ यह नहीं निकाला जाता है कि व्यक्ति वित्तीय रूप से अस्थिरता है। यदि नौकरी बदलने के बाद आमदनी और बढ़ती है या और बेहतर करियर की संभावनाएं होती है तो इसे सकारात्मक रूप से देखा जाता है। जिससे लोन मिलने की संभावनाएं और बढ़ जाती है। हां, लेकिन इसके लिए भी आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होना चाहिए। यानि नौकरी बदलने से आपको दीर्घकाल में लाभ होता है या करियर में बदलाव से वित्तीय मजबूती आती है तो आपको आसानी से लोन भी प्राप्त हो जाएगा भले ही शॉर्ट टर्म में कुछ परेशानी आए।
तेजी से नौकरी बदल रहे हैं युवाआज के दौर में युवा नौकरी तेजी से बदल रहे हैं। जिसके पीछे के कई कारण है जैसे रोजगार के अवसर, बेहतर पैकेज आदि। लेकिन ऐसा करने से कई बार क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन आदि के लिए स्वीकृति मिलने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा उस वक्त ज्यादा देखने को मिल सकता है, जब लोन देने वाले संस्थान के द्वारा नौकरी की स्थिरता की बारिकी से जांच की जाए।
लोन पात्रता की शर्तेंपर्सनल लोन देने से पहले वित्तीय संस्थाओं के द्वारा कई चीजों की बारीकी से जांच की जाती है। जिसमें रोजगार की स्थिरता भी एक प्रमुख कारक हो सकता है। ऐसे व्यक्ति जिनका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर नहीं है उनके लिए यह बड़ी समस्या बन सकती है। जैसे पहले किसी एजुकेशन लोन, होम लोन या अन्य प्रकार के लोन में डिफॉल्ट किया हो या ईएमआई डिफॉल्ट की हिस्ट्री रही हो, तो ऐसे व्यक्तियों को भी लोन की मंजूरी मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इन्हें मिलती है प्राथमिकताबैंक को या वित्तीय संस्थानों के द्वारा ऐसे लोगों को लोन देने में प्राथमिकता दी जाती है जिन्होंने कम से कम 6 महीने से अपनी नौकरी नहीं बदली हो। वित्तीय संस्थानों के द्वारा रोजगार में बार-बार होने वाले परिवर्तन को वित्तीय अस्थिरता माना जाता है। यह माना जाता है कि व्यक्ति लोन को समय पर चुकाने में समर्थ नहीं रहेगा।
इस पर भी ध्यान देंहमेशा नौकरी बदलने का अर्थ यह नहीं निकाला जाता है कि व्यक्ति वित्तीय रूप से अस्थिरता है। यदि नौकरी बदलने के बाद आमदनी और बढ़ती है या और बेहतर करियर की संभावनाएं होती है तो इसे सकारात्मक रूप से देखा जाता है। जिससे लोन मिलने की संभावनाएं और बढ़ जाती है। हां, लेकिन इसके लिए भी आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होना चाहिए। यानि नौकरी बदलने से आपको दीर्घकाल में लाभ होता है या करियर में बदलाव से वित्तीय मजबूती आती है तो आपको आसानी से लोन भी प्राप्त हो जाएगा भले ही शॉर्ट टर्म में कुछ परेशानी आए।
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