भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर शुरु हुआ मतभेद क्या अब खत्म होने जा रहा है? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब से दूसरी बार सत्ता में आए हैं तब से वे लगातार भारत पर निशाना साथ रहे हैं। ये वही ट्रंप हैं, जिनके लिए भारत में नमस्ते ट्रंप नाम से एक भव्य आयोजन हुआ था। उसमें दोनों देशों की दोस्ती साफ झलक रही थी, लेकिन दूसरी बार सत्ता में आने के बाद प्रेसिडेंट ट्रंप के सुर ही बदल गए, कई बार भारत को टैरिफ किंग कह चुके हैं। इतना ही नहीं रूस से तेल खरीदने का हवाला देते हुए भारत पर 25% के बेस टैरीफ के अलावा अतिरिक्त 25% यानी कुल 50% का टैरीफ भी लगा चुके हैं। दोनों देशों के बीच होने वाली ट्रेड डील का काफी समय से इंतजार हो रहा है लेकिन अब जाकर इसे लेकर सकारात्मक संकेत प्राप्त हुए हैं।
जल्द होगी भारत अमेरिका के बीच ट्रेड डीलभारत में अमेरिका के अगले राजदूत सर्जियो गोर ने ये संकेत दिए हैं कि अमेरिका भारत के साथ ट्रेड डील करने के लिए तैयार है। लेकिन अभी भी टैरिफ को लेकर दोनों देशों के पीछे तनाव जारी है। उन्होंने हाल ही में यह कहा कि अमेरिका और भारत के संबंधों को और मजबूत होना चाहिए। अभी दोनों देशों के बीच के व्यापार सौदे की बारिकियों पर गौर किया जा रहा है।
क्या है अमेरिका की प्राथमिकता?जैसा कि पिछले काफी समय से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के अन्य अधिकारी कहते आए हैं वैसे ही सर्जियो गोर ने भी भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर सकारात्मक संकेत तो दिए लेकिन अभी भी भारत के ट्रेड पार्टनर्स पर सवाल उठा रहे हैं। सर्जियो गोर ने साफ शब्दों में यह कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता यह है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दें। इसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड डील का रास्ता आसान हो जाएगा।
कुछ समय में सुलझ जाएगा यह मामलाभारत और अमेरिका के बीच बड़े तनाव पर उन्होंने कहा कि कुछ समय में दोनों देशों के बीच का यह तनाव खत्म हो जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी और प्रेसिडेंट ट्रंप की दोस्ती को अविश्वसनीय बताया। उन्होंने कहा कि जब ट्रंप दूसरे देशों का निशाना साधते हैं तो वहां के नेताओं पर कटाक्ष करते हैं, लेकिन भारत के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के लिए हमेशा आगे आए हैं।
क्या चाहता है अमेरिका?अमेरिका एक तरफ तो भारत को टैरिफ किंग कहकर भारी टैरीफ लगा चुका है। वहीं दूसरी तरफ ट्रंप और मोदी की दोस्ती को याद दिलाकर दोनों देशों के बीच होने वाली ट्रेड डील के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है। भारत ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि वे रूस से तेल खरीदना जारी रखेंगे। अब देखना या दिलचस्प होगा कि अमेरिका के द्वारा क्या भारत के साथ ट्रेड डील पर आसानी से मोहर लगाई जाती है या नहीं।
जल्द होगी भारत अमेरिका के बीच ट्रेड डीलभारत में अमेरिका के अगले राजदूत सर्जियो गोर ने ये संकेत दिए हैं कि अमेरिका भारत के साथ ट्रेड डील करने के लिए तैयार है। लेकिन अभी भी टैरिफ को लेकर दोनों देशों के पीछे तनाव जारी है। उन्होंने हाल ही में यह कहा कि अमेरिका और भारत के संबंधों को और मजबूत होना चाहिए। अभी दोनों देशों के बीच के व्यापार सौदे की बारिकियों पर गौर किया जा रहा है।
क्या है अमेरिका की प्राथमिकता?जैसा कि पिछले काफी समय से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के अन्य अधिकारी कहते आए हैं वैसे ही सर्जियो गोर ने भी भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर सकारात्मक संकेत तो दिए लेकिन अभी भी भारत के ट्रेड पार्टनर्स पर सवाल उठा रहे हैं। सर्जियो गोर ने साफ शब्दों में यह कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता यह है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दें। इसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड डील का रास्ता आसान हो जाएगा।
कुछ समय में सुलझ जाएगा यह मामलाभारत और अमेरिका के बीच बड़े तनाव पर उन्होंने कहा कि कुछ समय में दोनों देशों के बीच का यह तनाव खत्म हो जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी और प्रेसिडेंट ट्रंप की दोस्ती को अविश्वसनीय बताया। उन्होंने कहा कि जब ट्रंप दूसरे देशों का निशाना साधते हैं तो वहां के नेताओं पर कटाक्ष करते हैं, लेकिन भारत के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के लिए हमेशा आगे आए हैं।
क्या चाहता है अमेरिका?अमेरिका एक तरफ तो भारत को टैरिफ किंग कहकर भारी टैरीफ लगा चुका है। वहीं दूसरी तरफ ट्रंप और मोदी की दोस्ती को याद दिलाकर दोनों देशों के बीच होने वाली ट्रेड डील के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है। भारत ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि वे रूस से तेल खरीदना जारी रखेंगे। अब देखना या दिलचस्प होगा कि अमेरिका के द्वारा क्या भारत के साथ ट्रेड डील पर आसानी से मोहर लगाई जाती है या नहीं।
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