यदि आपके शरीर में पथरी है, तो आपको चुना खाने से बचना चाहिए। कई लोग इसे पान में डालकर खा लेते हैं, लेकिन पथरी का मुख्य कारण शरीर में कैल्शियम की अधिकता है। इसका मतलब है कि जिन लोगों को पथरी होती है, उनके शरीर में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, लेकिन वह पच नहीं पाता। इसलिए, चुना खाना बंद कर दें।
पथरचट पौधे का उपयोग
पखानबेद, जिसे पथरचट भी कहा जाता है, एक पौधा है। इसके 10 पत्तों को 1 से 1.5 गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस उपाय से 7 से 15 दिन में पथरी समाप्त हो सकती है। आप दिन में तीन बार तीन पत्ते सीधे भी खा सकते हैं।
होमियोपेथी उपचार
होमियोपेथी में एक दवा है जिसका नाम है BERBERIS VULGARIS। इसे किसी भी होमियोपेथी की दुकान से प्राप्त किया जा सकता है। इसकी पोटेंसी के लिए MOTHER TINCTURE लिखना न भूलें। यह दवा पथरचट पौधे से बनी है, लेकिन यह डिल्यूशन फॉर्म में होती है।
इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई कप पानी में मिलाकर दिन में चार बार (सुबह, दोपहर, शाम और रात) लें। इसे लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना चाहिए। यह दवा सभी प्रकार की पथरी को पिघलाकर बाहर निकाल देती है।
पथरी से बचाव के उपाय
यदि आप दो महीने बाद सोनोग्राफी कराते हैं, तो आपको पता चलेगा कि पथरी कितनी टूट गई है। यदि कुछ बची है, तो थोड़े दिन और लें। इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
यह दवा पित्त की पथरी को भी ठीक करती है, जिसे आधुनिक चिकित्सा पित्त का कैंसर मानती है। भविष्य में पथरी न बनने के लिए, एक और होमियोपेथी दवा CHINA 1000 का उपयोग करें। इसे एक दिन में तीन बार जीभ पर डालें।
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