28 जनवरी की रात महाकुंभ के दौरान एक दुखद घटना घटी, जब भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। इस रात में कई लोग अपने परिवार से बिछड़ गए, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे।
इस दौरान एक महिला भी अपने परिवार से बिछड़ गईं। उनके पास न तो मोबाइल था और न ही कोई अन्य सामान। भटकते हुए वह किसी तरह रेलवे स्टेशन पहुंचीं। यहां एक मुस्लिम पुलिसकर्मी ने उनकी सहायता की और उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया।
पुलिसकर्मी की मदद
इस महिला का नाम राजसू है, जो झांसी से 10 अन्य लोगों के साथ महाकुंभ में आई थीं। भीड़ में बिछड़ने के बाद वह प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक पहुंच गईं। उनके पास न तो मोबाइल था और न ही किसी जानकार का नंबर याद था। उन्होंने केवल शहर और गांव का नाम बताया।
उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान ने महिला की मदद करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक ऐप की सहायता से महिला को उसके परिवार से मिलवाने का प्रयास किया।
महिला के गांव के प्रधान का नाम और संपर्क नंबर ऐप में दर्ज था। शमीम ने ग्राम प्रधान से संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने महिला के परिवार का नंबर प्राप्त किया। इस तरह महिला अपने परिवार से संपर्क कर पाईं और बिछड़े हुए परिजनों से मिल गईं। महिला ने कहा कि मोहम्मद शमीम खान उनके लिए देवदूत के समान हैं। उन्होंने उनकी मदद उसी तरह की जैसे एक भाई अपनी बहन की रक्षा करता है।
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