झालावाड़ की मनोहर थाना पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो काले जादू के माध्यम से लोगों से पैसे ठगने का काम कर रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय था और कई वर्षों से लोगों को ठगने में लगा हुआ था।
झालावाड़ के एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना नबी खान मेवाती है, जो कामखेड़ा थाना क्षेत्र का निवासी है। यह गिरोह लोगों को लालच देकर ठगी करता था। ठग जादू से पैसे बढ़ाने का दिखावा करते थे और फिर एक बैग देकर घर जाकर खोलने के लिए कहते थे। जब पीड़ित बैग खोलते थे, तो उसमें राख और कोयला निकलता था।
इस प्रकार की ठगी की एक शिकायत सेमली हाट के पूर्व सरपंच विजय सिंह तवर ने मनोहर थाने में दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि चाय की दुकान पर कुछ लोग बात कर रहे थे कि राजगढ़ के बद्रीलाल गिरी जादू से पैसे को करोड़ों में बदल सकता है। इस पर उन्होंने बद्रीलाल से संपर्क किया।
2 अप्रैल को विजय सिंह ने बद्रीलाल गिरी, बाबू खान और कमलेश बैरागी के साथ 2.50 लाख रुपए लेकर भरतपुर के कामा बस स्टैंड पर पहुंचे। वहां बद्रीलाल ने एक व्यक्ति को बुलाने के लिए फोन किया। उस व्यक्ति ने उनसे पैसे लेकर चाय-नाश्ता कराया और फिर एक सूटकेस दिखाया, जिसमें नोट होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इसे घर ले जाकर खोलना है।
जब विजय सिंह ने घर जाकर सूटकेस खोला, तो उसमें केवल राख थी। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और शनिवार को आरोपी आशिक खान और बद्रीलाल गिरी को गिरफ्तार किया। गिरोह के अन्य सदस्य नबी खान और राहुल की तलाश जारी है।
पुलिस को आशिक खान के मोबाइल में एक वीडियो मिला है, जिसमें एक बाबा नोट निकालकर बिखेर रहा है। आरोपियों का कहना है कि इसी वीडियो का उपयोग करके वे लोगों को ठगते थे।
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