किशोर इंदुकुरी की कहानी हमें यह सिखाती है कि व्यक्ति को वही काम करना चाहिए, जिसमें उसकी रुचि हो। हालांकि, आज भी कई लोग समाज के दबाव में आकर ऐसे करियर चुनते हैं, जो उन्हें पसंद नहीं होते। परिवार अक्सर बच्चों पर अपने सपने थोपते हैं, जिससे बच्चे अपनी इच्छाओं को दबाकर पढ़ाई करते हैं। लेकिन किशोर ने एक अलग रास्ता चुना।
किशोर इंदुकुरी, जो अमेरिका में एक अच्छी नौकरी कर रहे थे, ने अपने मन की सुनकर उसे छोड़ने का साहस किया। उन्होंने अपने गृहनगर लौटकर डेयरी फार्मिंग में कदम रखा।
डेयरी फार्मिंग में सफलता की कहानी
किशोर ने 20 गायें खरीदकर अपने डेयरी व्यवसाय की शुरुआत की। प्रारंभिक चुनौतियों का सामना करने के बाद, उनकी मेहनत रंग लाई और आज उनका व्यवसाय 44 करोड़ रुपये का हो गया है। उन्होंने हैदराबाद में 'सिड्स फार्म' नाम से डेयरी शुरू की, जहां वे ग्राहकों को शुद्ध दूध सब्सक्रिप्शन के आधार पर प्रदान करते हैं।
कर्नाटक के रहने वाले किशोर ने मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की और इंटेल में छह साल तक काम किया। लेकिन जब उन्हें अपनी नौकरी में संतोष नहीं मिला, तो उन्होंने अपने गृहनगर लौटने का निर्णय लिया।
एक सफल उद्यमी की पहचान
हैदराबाद में किशोर ने देखा कि लोगों के पास सुरक्षित और स्वास्थ्यकर दूध के सीमित विकल्प हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, उन्होंने 2012 में अपनी डेयरी शुरू की। उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर गायों का दूध निकालना शुरू किया और सीधे ग्राहकों के घरों तक ऑर्गेनिक दूध पहुंचाया।

किशोर का 'सिड्स फार्म' अब लगभग 10,000 ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है और जैविक दूध, दही और घी जैसे उत्पाद भी बेचता है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत और लगन से किया गया हर काम सफल होता है।