अलास्का की खाड़ी में एक अनोखी जगह है, जहां दो विशाल महासागरों का मिलन होता है, लेकिन इनका पानी एक-दूसरे से नहीं मिल पाता। यह एक ऐसा रहस्य है, जिसे विज्ञान भी पूरी तरह से समझ नहीं पाया है। सोशल मीडिया पर इस विषय पर कई वीडियो और तस्वीरें उपलब्ध हैं, जो इस अद्भुत दृश्य को दर्शाती हैं।
इन वीडियो और तस्वीरों में स्पष्ट है कि दोनों महासागरों का पानी एक स्थान पर मिल रहा है, लेकिन उनके रंग एक-दूसरे से भिन्न हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि, भले ही महासागरों का मिलन हो रहा है, लेकिन उनका पानी आपस में नहीं मिल रहा।
सामान्यतः, जब दो अलग-अलग स्रोतों से पानी मिलाया जाता है, तो वे एक-दूसरे में समाहित हो जाते हैं। लेकिन इन महासागरों का यह अनोखा मिलन एक पहेली बना हुआ है, जिसे सुलझाने की कोशिशें जारी हैं।
यह देखना दिलचस्प है कि एक महासागर का पानी हल्का नीला है, जो ग्लेशियर से आता है, जबकि दूसरे महासागर का पानी गहरा नीला है, जो नदियों से मिलता है। इस प्रकार, जहां ये महासागर मिलते हैं, वहां एक स्पष्ट रेखा दिखाई देती है।
इस रहस्य को समझने के लिए कई वैज्ञानिकों ने शोध किया है, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है। कुछ लोग मानते हैं कि खारे और मीठे पानी का घनत्व अलग-अलग होता है, जिससे ये महासागरों का पानी आपस में नहीं मिल पाता। वहीं, कुछ धार्मिक दृष्टिकोण से भी इसे देखते हैं, यह कहते हुए कि धार्मिक ग्रंथों में इसका उल्लेख है।
जहां ये महासागर मिलते हैं, वहां एक झाग की दीवार दिखाई देती है, जो इस बात का प्रमाण है कि पानी एक-दूसरे में नहीं मिल रहा। जुलाई 2010 में, एक फोटोग्राफर ने पहली बार इस अद्भुत दृश्य की तस्वीर खींची थी। अलास्का, जो पहले रूस का हिस्सा था, अब अमेरिका का हिस्सा है।
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