केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले मिडिल क्लास के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)-शहरी 2.0’ के तहत 1.41 लाख नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी है। यह योजना शहरी गरीबों और मध्यवर्ग के लोगों को अपने घर का सपना पूरा करने में मदद करती है।
सरकार का निर्णय
योजना के तहत 1.41 लाख नए घरों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिससे अब इस योजना के तहत स्वीकृत आवासीय इकाइयों की कुल संख्या 10 लाख से अधिक हो गई है। यह मंजूरी 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल करती है, जिनमें असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, मेघालय, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। मंत्रालय ने बताया कि यह योजना शहरी लाभार्थियों को सम्मानजनक आवास प्रदान करने, समावेशिता बढ़ाने और गरीब वर्ग को किफायती पक्के घर उपलब्ध कराने में मदद करती है। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी ध्यान केंद्रित करती है, क्योंकि इसके तहत घर या तो महिला मुखिया के नाम पर या संयुक्त स्वामित्व में स्वीकृत किए जाते हैं।
योजना की जानकारी
यह योजना 1 सितंबर 2024 से लागू हुई है और इसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है। योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जो EWS, LIG या MIG वर्ग में आते हैं और जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है। सरकार ने इस योजना के लिए कुल ₹2.5 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता निर्धारित की है। योजना के चार प्रमुख घटक हैं- बेनिफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC), अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP), अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (ARH) और इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (ISS)। इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम के तहत पात्र लाभार्थियों को होम लोन पर रियायती ब्याज दर मिलेगी, जिससे घर खरीदना या बनाना और भी सरल हो जाएगा।
पात्रता मानदंड
EWS, LIG और MIG श्रेणियों में क्रमशः ₹3 लाख, ₹6 लाख और ₹9 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार इस योजना के लिए पात्र होंगे। लाभार्थियों को ₹8 लाख तक के होम लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उन्हें ₹1.80 लाख तक की राहत मिल सकती है। सब्सिडी की राशि 5 किस्तों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों के लोन अकाउंट में जमा की जाएगी। यह सुविधा केवल उन लोन खातों पर लागू होगी जो सक्रिय हैं और जिन पर 50% से अधिक मूलधन बकाया है। इससे न केवल EMI में कमी आएगी बल्कि घर खरीदने का सपना भी और साकार होगा।
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