रोहतक के एएसआई संदीप लाठर ने लाढ़ौत में अपने मामा के खेत पर पहुंचकर पहले चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और फिर 6 मिनट 28 सेकंड का एक वीडियो बनाकर साइबर सेल के प्रभारी और अपने परिवार के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया। इस सूचना के आधार पर सीआईए-2 ने उनकी तलाश शुरू की, लेकिन संदीप ने पांच मिनट बाद ही आत्महत्या कर ली।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यदि सही स्थान का पता चल जाता, तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि संदीप ने अपने ममेरे भाई संजय से करीब पौने 12 बजे मुलाकात की थी।
संजय, जो प्रॉपर्टी का काम करता है, ने संदीप से बातचीत के बाद मामा के खेत की ओर स्कूटी से रवाना हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदीप को खेत तक पहुंचने में लगभग 10 मिनट लगे होंगे।
संदीप ने स्कूटी को कोठड़े से थोड़ी दूरी पर खड़ा किया और वहां चारपाई पर बैठकर आधे घंटे में सुसाइड नोट लिखा। इस दौरान कई फोन कॉल आए, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किए। इसके बाद उन्होंने वीडियो बनाया।
वीडियो को सोशल मीडिया और परिवार के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया। वीडियो देखने के बाद कई लोगों ने उन्हें कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर, फोन के टॉवर से उनकी लोकेशन ट्रेस की गई, जो धामड़ गांव निकली।
साइबर प्रभारी ने सीआईए को लोकेशन बताई, और टीम मौके पर पहुंची। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, लोकेशन स्पष्ट नहीं थी। यदि यह स्पष्ट होती, तो वे सीधे लाढ़ौत गांव पहुंच जाते, जहां संदीप ने आत्महत्या की थी।
पुलिस संदीप को फोन करती रही, लेकिन वह नहीं मिल पाए। इसी बीच, एक बजे गोली चलने की आवाज आई और खेत में काम कर रहे जिलेदार ने देखा कि संदीप खून से लथपथ पड़े हैं। उनके पास पिस्टल भी थी। संदीप के साथ उनका परिवार भी टूट चुका था।
संदीप ने जानबूझकर आत्महत्या करने का निर्णय लिया था, क्योंकि उन्हें पता था कि उनकी लोकेशन ट्रेस करना पुलिस के लिए आसान होगा। वह खुद साइबर सेल में तैनात थे और लोकेशन ट्रेसिंग के विशेषज्ञ थे। इसीलिए, उन्होंने वीडियो संदेश डालने के बाद कोई देरी नहीं की और पांच मिनट के भीतर ही आत्महत्या कर ली।
संदीप की पत्नी संतोष ने सरकार से मांग की है कि उन्हें महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में प्रोफेसर या पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) बनाया जाए। संतोष, जो पहले जुलाना के गुरुकुल में पढ़ाती थीं, ने कहा कि सरकार ने उन्हें सही नौकरी देने का आश्वासन दिया है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब एडीजीपी वाई पूरण कुमार के गनमैन रहे हवलदार सुशील कुमार को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल संदीप लाठर ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली। मौके से चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने एडीजीपी पूरण कुमार को भ्रष्ट अधिकारी बताया है।
संदीप लाठर जींद के जुलाना निवासी थे और रोहतक के सुखपुरा चौक स्थित पुलिस क्वार्टर में अपने परिवार के साथ रहते थे। उन्होंने मंगलवार को अपने मामा के खेत में जाकर आत्महत्या की।
गोली की आवाज सुनकर खेत में काम कर रहे जिलेदार ने कमरे में जाकर देखा कि संदीप की कनपटी से खून बह रहा था। उन्होंने तुरंत मालिक के बेटे को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई।
सुसाइड नोट में संदीप ने जातिवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी शहादत को बताया है। उन्होंने एडीजीपी पूरण कुमार पर आरोप लगाया कि जब से वह रोहतक के आईजी बने हैं, तब से जातिवाद और भ्रष्टाचार बढ़ गया है।
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