भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल समझौते को रद कर दिया है। इसके तहत, बगलिहार बांध का पानी रोकने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, चिनाब नदी पर स्थित बगलिहार बांध का जल प्रवाह अब बंद कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार झेलम नदी पर किशनगंगा बांध का पानी भी रोकने की योजना बना रही है।
भारत का जल प्रवाह नियंत्रण
सिंधु जल समझौते के रद्द होने के बाद, भारत सरकार पाकिस्तान में जल प्रवाह को नियंत्रित कर सकती है। जम्मू कश्मीर के रामबन में स्थित बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा बांध की सहायता से, भारत सरकार जल प्रवाह को रोकने या खोलने की क्षमता रखती है।
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पाकिस्तान को संभावित नुकसान
बगलिहार और किशनगंगा बांधों को बंद करके, भारत झेलम और चिनाब नदियों का जल प्रवाह कम कर सकता है। इससे पाकिस्तान में सूखा पड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। इसके अलावा, भारत कभी भी बांध खोल सकता है, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
पहलगाम हमले का संदर्भ
22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद ही भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद करने का निर्णय लिया।
सिंधु जल समझौता क्या था?
सिंधु जल समझौता 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते के अनुसार, ऊपर की तीन नदियों – सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को दिया जाना था, जबकि नीचे की तीन नदियों – रावी, ब्यास और सतलज का पानी भारत उपयोग कर सकता था। हालाँकि, 23 अप्रैल को इस संधि को तत्काल प्रभाव से रद कर दिया गया है।
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