उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बीएससी छात्र ने अपने पिता के पैसे कमाने के सुझाव को गंभीरता से लेते हुए बैंक लूटने का विचार बनाया। युवक ने यूट्यूब पर बैंक लूट के वीडियो देखकर अपनी योजना बनाई और रील्स से भी जानकारी जुटाई। इसके बाद, वह अकेले ही बैंक लूटने के लिए निकल पड़ा। उसने उन वीडियो को ध्यान से देखा, जिनमें एकल अपराधियों ने लूट की थी। हालांकि, बैंककर्मियों की सजगता के कारण उसे पकड़ लिया गया।
घटना का विवरण
यह घटना शनिवार सुबह लगभग 10 बजे की है, जब युवक साइकिल पर सवार होकर घाटमपुर के पतारा स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पहुंचा। उसने अपने साथ तमंचा, चाकू, सर्जिकल ब्लेड और सूजा लेकर बैंक में प्रवेश किया। गार्ड ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने चाकू से उस पर हमला कर दिया। बैंक के मैनेजर, कैशियर और अन्य कर्मचारियों ने साहस दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और रस्सी से बांध दिया।
घायल और जांच
इस हाथापाई में बैंक मैनेजर समेत तीन लोग घायल हुए, जबकि आरोपी युवक को भी हल्की चोटें आईं। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस की पूछताछ और मोबाइल फोन की जांच में लूट की योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई।
आरोपी की पहचान
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी का नाम लविश मिश्रा है, जो बीएससी के साथ-साथ आईटीआई का छात्र है। उसने बैंक लूटने के 50 से अधिक वीडियो देखे थे और उन पर ध्यान केंद्रित किया था, जिनमें एकल अपराधियों ने लूट की थी।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
लविश के पिता अवधेश मिश्रा एक किसान हैं और उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। जब लविश पैसे की मांग करता था, तो उसके पिता उसे खुद पैसे कमाने की सलाह देते थे। लविश ने जल्दी पैसे कमाने के लिए गलत रास्ता अपनाने का निर्णय लिया।
युवक का आत्मविश्वास
लविश ने अपने पिता की सलाह को गलत दिशा में लिया और पैसे कमाने का शॉर्टकट अपनाने का सोचा। उसने अपने हाथों में सर्जिकल ब्लेड और पैरों में बोरा सिलने वाला सूजा बांधा। उसने एक बैग भी रखा, जिसमें पैसे भरने की योजना बनाई थी। लविश ने गार्ड को डराने की योजना बनाई ताकि बैंककर्मी भयभीत हो जाएं। पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि कुछ लोगों ने उसे धमकी देकर बैंक लूटने भेजा था, लेकिन पुलिस ने इसे खारिज कर दिया।
पकड़े जाने के बाद का व्यवहार
लविश मिश्रा ने पकड़े जाने के बाद कोई पछतावा नहीं जताया। पुलिस थाने में भी उसकी अकड़ कम नहीं हुई। वह थाने में आराम से टहलता रहा और जेल जाते समय भी आत्मविश्वास से भरा नजर आया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि युवाओं को सही दिशा देने की जिम्मेदारी किसकी है।
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