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युवाओं में हार्ट ब्लॉकेज: लक्षण और बचाव के उपाय

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हार्ट डिजीज का बढ़ता खतरा

आजकल हार्ट डिजीज केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह युवा पीढ़ी में भी तेजी से बढ़ रही है। विशेष रूप से हार्ट में ब्लॉकेज एक गंभीर स्थिति है, जो बिना किसी स्पष्ट संकेत के धीरे-धीरे विकसित हो सकती है। आइए जानते हैं कि हार्ट में ब्लॉकेज के कारण क्या हैं, इसके लक्षण क्या हो सकते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।


हार्ट में ब्लॉकेज के कारण

जब कोरोनरी आर्टरीज में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य तत्व जमा हो जाते हैं, तो इसे हार्ट में ब्लॉकेज कहा जाता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस भी कहते हैं। यह जमा हुआ पदार्थ रक्त प्रवाह को धीमा कर देता है, जिससे हार्ट को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते। समय के साथ, यह स्थिति गंभीर हो सकती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकती है।


हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण

डॉ. अजीत जैन, जो राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण व्यक्ति की स्थिति और ब्लॉकेज की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। शुरुआत में हल्की थकान या सांस फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं। जैसे-जैसे ब्लॉकेज बढ़ती है, छाती में दर्द, दबाव या जलन महसूस हो सकती है, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान।


बचाव के उपाय

हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं: हेल्दी डाइट का पालन करें, रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच कराएं, तनाव को कम करने के लिए योग या मेडिटेशन करें, और पर्याप्त नींद लें।


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