तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इन दिनों भारत दौरे पर आए हुए हैं। इसी बीच पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के भीतर तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के ऊपर एयर स्ट्राइक कर अफगानिस्तान की संप्रभुता को चुनौती दे दी है। भारत में मौजूद मुत्ताकी ने इस हमले के बाद पाकिस्तान को काफी कड़ी चुनौती देते हुए कहा कि पाकिस्तान उनके देश के साथ खेलना बंद करे। इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान को अफगानिस्तान को न उकसाने की सलाह भी दी।
तालिबान शासित अफगानिस्तान के शीर्ष राजनयिक के रूप में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत आए मुत्ताकी ने नई दिल्ली से पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान को उकसाने से पहले ब्रिटेन और अमेरिका के साथ बात कर लेना चाहिए।
मुत्ताकी ने कहा, “अफगानिस्तान सभी के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हम जैसे भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं वैसे ही पाकिस्तान के साथ भी अच्छे संबंध चाहते हैं। यह संबंध दोनों तरह से होते हैं, लेकिन अगर तुम (पाकिस्तान) उकसाते हो तो एक बार अंग्रेजों से जाकर पूछ लो, अगर तुम अमेरिकियों से, नाटो से भी पूछोगे तो वह तुम्हें शायद बता सकें कि अफगानिस्तान के साथ ऐसे खेल खेलना ठीक नहीं है। हम कूटनीतिक रास्ता चाहते हैं।”
आपको बता दें पाकिस्तान की तरफ से लगातार अफगानिस्तान के ऊपर आतंकी को आश्रय देने का आरोप लगाया जाता रहा है। वहीं तालिबान भी लगातार पाकिस्तान के ऊपर ऐसे ही आरोप लगाता है। 2021 में अमेरिका के जाने के बाद जब तालिबान शासन में आया था तो पाकिस्तान ने जमकर खुशी मनाई थी, लेकिन समय के साथ-साथ लगातार दोनों के संबंध तनावपूर्ण होते गए।
पाकिस्तान पर बरस रहे मुत्ताकी ने भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर बहुत ही सकारात्मक रुख अपनाए रखा। भारत के साथ संबंधों को लेकर उन्होंने अपना पुराना रुख अपनाए रखा। मीडिया से बात करते हुए मुत्ताकी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के संबंध प्राचीन समय से एक हैं। अफगानिस्तान किसी भी तरह से अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा।
इससे पहले मुत्ताकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान दोनों देशों के संबंधों और विकास सहयोग को मजबूत करने के लिए कई उपायों की घोषणा की। इस बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत काबुल स्थित अपने तकनीकि मिशन को एक पूर्ण दूतावास में अपडेट करेगा। इससे अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता न मिलने के बावजूद अफगानिस्तान और दिल्ली के बीच सीधे जुड़ाव की पुष्टि होती है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसे और मजबूत बनाने के लिए मुझे काबुल स्थित भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास का दर्जा देने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।” बैठक के बाद दोनों मंत्रियों ने एक व्यापक विकास और मानवीय पैकेज पर भी सहमति व्यक्त की। इसमें छह नहीं परियोजनाएं, 20 एम्बुलेंस और अफगान अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनों, टीके और कैंसर की दवाइयां उपलब्ध कराना शामिल है।
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