भारत अपनी वायुसेना को मजबूत करने के लिए पांचवीं पीढ़ी के सुपर एडवांस्ड फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में है. रूस का Su-57 और अमेरिका का F-35 भारत के प्रमुख विकल्प हैं. रूस ने Su-57 के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन की पेशकश की है, जबकि अमेरिका का F-35 अत्याधुनिक स्टील्थ टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है.
भारत अपनी वायुसेना को और मजबूत करने के लिए कमर कस चुका है. खबर है कि भारत अब पांचवीं पीढ़ी के सुपर एडवांस्ड फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में है. रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने बीते शनिवार, 5 जुलाई को इस बात का साफ इशारा किया. उन्होंने कहा कि भारत अपने दोस्त देशों से ऐसे हाई-टेक जेट खरीदने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. यह खबर इसलिए भी खास है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत किस देश का जेट चुनेगा और क्या डील होगी?
भारत को क्यों चाहिए नया फाइटर जेट?भारत इस वक्त अपनी वायुसेना को और ताकतवर बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है. खास तौर पर पड़ोसी देशों, चीन और पाकिस्तान की बढ़ती हवाई ताकत को देखते हुए भारत को तुरंत एक मजबूत हथियार चाहिए. भारत अपना देसी पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) बना रहा है, लेकिन इसे तैयार होने और वायुसेना में शामिल होने में अभी 8-10 साल लग सकते हैं. तब तक भारत को एक अंतरिम समाधान चाहिए, जो उसकी हवाई ताकत को बरकरार रखे. रक्षा सचिव ने साफ कहा कि पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट खरीदना एक रणनीतिक कदम होगा, जो भारत की ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.
अमेरिका का F-35 या रूस का Su-57, कौन बनेगा भारत का पसंदीदा?रक्षा सचिव ने भले ही किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन खबरों की मानें तो अमेरिका ने भारत को अपना F-35 फाइटर जेट ऑफर किया है, वहीं रूस ने Su-57 स्टील्थ जेट का प्रस्ताव रखा है. रूस का Su-57 एक ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल स्टील्थ जेट है, जो सुपरसोनिक स्पीड, हाई-टेक एवियोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर की जबरदस्त क्षमता से लैस है. रूस इसे दुनिया के सबसे एडवांस्ड जेट्स में से एक मानता है. भारत पहले भी इस जेट में रुचि दिखा चुका है, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों और साझेदारी के मसलों की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाई. दूसरी तरफ, अमेरिका का F-35 भी स्टील्थ टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक फीचर्स के लिए मशहूर है. अब भारत के सामने सवाल है कि वह इन दोनों में से किसे चुनेगा?
सितंबर में है पुतिन का भारत दौरारूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सितंबर 2025 में नई दिल्ली में होने वाले भारत-रूस समिट में शिरकत करने आएंगे. इस दौरे पर रक्षा सौदों को लेकर बड़ी बातचीत होने की उम्मीद है. रूस ने भारत को Su-57 के साथ एक खास ऑफर दिया है. रूस ने कहा है कि अगर भारत Su-57 खरीदता है, तो वह न सिर्फ इस जेट की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा, बल्कि इसका सोर्स कोड भी साझा करेगा. इतना ही नहीं, रूस ने भारत के AMCA प्रोग्राम में तकनीकी मदद देने का भी वादा किया है. साथ ही, मेक इन इंडिया के तहत भारत में जेट के प्रोडक्शन का प्रस्ताव भी रखा है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रूस इस डील में लचीलापन दिखाता है, तो Su-57 भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
फाइटर जेट चुनना सिर्फ तकनीक का मसला नहींरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत के लिए पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट चुनना सिर्फ तकनीक का मसला नहीं है. यह एक रणनीतिक और भू-राजनीतिक फैसला भी है. रूस के साथ भारत के पुराने और भरोसेमंद रक्षा संबंध हैं, जबकि अमेरिका के साथ हाल के वर्षों में रक्षा साझेदारी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में भारत को यह सोच-समझकर फैसला लेना होगा कि वह किस देश के साथ इस डील को आगे बढ़ाए. Su-57 और F-35 में से किसी एक को चुनने का फैसला भारत की विदेश नीति और रक्षा रणनीति को लंबे वक्त तक प्रभावित करेगा.
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि भारत Su-57 को चुनेगा या F-35 को. रक्षा मंत्रालय और वायुसेना के बड़े अधिकारी दोनों जेट्स के फीचर्स, कीमत और रणनीतिक फायदों का गहराई से अध्ययन कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि AMCA के तैयार होने तक भारत को एक ऐसा जेट चाहिए, जो न सिर्फ उसकी हवाई ताकत को बढ़ाए, बल्कि देसी AMCA प्रोग्राम को भी सपोर्ट करे. पुतिन के दौरे के बाद इस दिशा में कोई बड़ा ऐलान हो सकता है.
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