लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन (MYT) के लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में बदलाव का सामना करना पड़ेगा। यह नया प्रस्ताव विशेष रूप से गर्मियों में लागू होने के साथ ही पूरे प्रदेश में बिजली की दरों में समय के हिसाब से उतार-चढ़ाव लाएगा।आगामी समय में गर्मियों के दौरान सुबह की बिजली सस्ती जबकि देर शाम से रात तक महंगी हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ने की संभावना है।
क्या है नया टैरिफ सिस्टम?
विद्युत नियामक आयोग ने जो नया मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन प्रस्तावित किया है, उसमें समय के हिसाब से बिजली की दरें अलग-अलग होंगी। विशेष रूप से गर्मी के मौसम (अप्रैल से सितंबर) में सुबह सस्ती बिजली और देर शाम से रात तक महंगी बिजली मिलेगी। अक्टूबर से तक ठंड के मौसम में स्थिति थोड़ी भिन्न होगी, जहां शाम से रात 11 बजे तक बिजली महंगी रहेगी, लेकिन रात 11 बजे के बाद से सुबह तक यह सस्ती हो जाएगी। यह बदलाव बिजली के खपत समय पर निर्भर करेगा।
समय के अनुसार दरों में उतार-चढ़ाव
इस नए प्रस्ताव के तहत, दिन के विभिन्न समयों में बिजली की दरें 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं या घट सकती हैं। उदाहरण के लिए, गर्मी के मौसम में सुबह पांच बजे से 10 बजे तक बिजली की दर सामान्य से 15 प्रतिशत सस्ती रहेगी, जबकि रात सात बजे से आधी रात के बीच यह दर 15 प्रतिशत तक महंगी हो जाएगी। इसी प्रकार, जाड़े के मौसम में, यानी अक्टूबर से के दौरान शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक बिजली महंगी होगी, लेकिन रात 11 बजे से तड़के पांच बजे तक सस्ती हो जाएगी।
स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए उपभोक्ताओं के पास स्मार्ट मीटर का होना अनिवार्य होगा। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं की बिजली की खपत का समय ट्रैक किया जा सकेगा, और उसी हिसाब से उन्हें अलग-अलग समय में बिजली की दरों का भुगतान करना पड़ेगा। यह प्रणाली यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि समय के अनुसार बिजली के दामों में सही परिवर्तन हो सके और उपभोक्ता इस बदलाव का सही तरीके से लाभ उठा सकें।
घरेलू उपभोक्ताओं पर असर
इस नए टैरिफ सिस्टम के लागू होने से घरेलू उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ेगा। अनुमानित रूप से, घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली खर्च में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। विशेष रूप से वे उपभोक्ता, जो अधिकतर समय शाम के बाद बिजली का उपयोग करते हैं, उन्हें ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है। हालांकि, जिन उपभोक्ताओं का मुख्य बिजली खपत सुबह के समय होता है, वे इस बदलाव से लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि सुबह बिजली की दरें सस्ती होंगी।
उद्योगों के लिए पहले से लागू है टीओडी टैरिफ
यह सिस्टम पहले से ही भारी और हल्के उद्योगों के लिए लागू है, जहां 24 घंटे के भीतर बिजली की दर समय के हिसाब से घटती-बढ़ती रहती है। उदाहरण के लिए, गर्मी के मौसम में सुबह 5 बजे से 10 बजे तक बिजली सामान्य दर से 15 प्रतिशत सस्ती रहती है, जबकि देर शाम 7 बजे से रात 3 बजे तक यह 15 प्रतिशत महंगी होती है। इसी प्रकार, ठंड के मौसम में भी शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक बिजली महंगी रहती है, जबकि रात 11 बजे से तड़के 5 बजे तक यह सस्ती होती है।
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