Nana Patekar: नाना पाटेकर हिन्दी सिनेमा के बेहतरीन और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं। अभिनय का उनका अपना अनोखा अंदाज है जो किसी भी दूसरे एक्टर से बिल्कुल जुदा है। यही वजह है कि नाना की देश दुनिया में बड़ी फैन फॉलोइंग हैं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । पिछले कुछ वर्षों में बड़े पर्दे पर पाटेकर की सक्रियता कम हुई है लेकिन उन्होंने अपने करियर में ऐसी दर्जनों फिल्में की हैं जिन्हें देखते हैं दर्शक और उनके फैंस ठहर जाते हैं।
अपने हर किरदार में जान डाल देने वाले नाना (Nana Patekar) के करियर की बेहतरीन और यादगार फिल्म रही है ‘परिंदा’। इस फिल्म में एक ऐसी घटना घटी थी जिसे जानने के बाद हम यह अंदाजा लगा पाते हैं कि किसी भी सीन के लिए पूर्ण समर्पण क्या चीज होती है।
एक सीन के लिए 17 थप्पड़परिंदा (Parinda) फिल्म में नाना पाटेकर (Nana Patekar) के साथ मुख्य भूमिका में जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म के एक सीन में अनिल कपूर (Anil Kapoor) को जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) थप्पड़ मारते हैं। पहले थप्पड़ के बाद निर्देशक सीन को ओके कर देता है।
लेकिन अनिल कपूर इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने फिर से इस सीजन को दोहराने की बात कही। इसके बाद सीन को ओके करने में श्रॉफ ने अनिल को 17 थप्पड़ मारे तब जाकर सीन फाइनल हुआ। ये कहानी 2019 में खुद परिंदा की रिलीज के 30 साल होने पर बताई थी।
फिल्म रही थी सुपर हिटपरिंदा हिंदी सिनेमा की एक कल्ट मूवी मानी जाती है। इससे मूवी को आप चाहे जितनी बार देखें। एक बार और देखने का आपका मन होगा। 1989 में रिलीज हुई इस फिल्म को विधु विनोद चोपड़ा ने निर्देशित किया था। इस फिल्म में नाना पाटेकर (Nana Patekar) विलेन थे जबकि हीरो की भूमिका में जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर थे। मुख्य अभिनेत्री माधुरी दीक्षित थी।
फिल्म सुपरहिट रही थी। सभी कलाकारों के काम को दर्शकों ने पसंद किया था लेकिन थियेटर से निकलने के बाद और आज तक जिस किरदार ने लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई है वो नाना पाटेकर का निभाया अन्ना सेठ का किरदार ही है।
अवॉर्ड की झड़ीपरिंदा (Parinda) फिल्म कमर्शियल के साथ क्रिटिकली एक्लेम्ड थी। फिल्म ने पैसे के साथ साथ अवॉर्ड भी खूब बटोरे थे। परिंदा को 2 नेशनल अवॉर्ड जीते थे। एक अवॉर्ड नाना पाटेकर को सहायक अभिनेता के रुप में मिला था वहीं दूसरा अवॉर्ड बेस्ट एडिटिंग के लिए रेणू सलूजा को मिला था। इसके अलावा फिल्म को फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी के तहत 1990 में ऑस्कर के लिए भेजा गया था लेकिन ये अंतिम रुप से नॉमिनेट होने से चूक गई थी।
You may also like
पहले स्कूल में थी टीचर, 1 शौक ने बदली दुनिया; बन गई फेमस एडल्ट स्टार ˠ
शामली मदरसे में किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला: नए खुलासे
1500 वर्ष पुरानी बौध मूर्ति का CT Scan: वैज्ञानिकों को मिली चौंकाने वाली जानकारी
नाना पाटेकर का क्रांतिवीर का क्लाइमैक्स सीन: एक अनोखी कहानी
Bollywood Actress Pooja Bhatt's Controversial Liplock with Father