बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने अपनी शानदार अदाकारी से इडंस्ट्री में खूब नाम कमाया है. 89 की उम्र में भी उनकी फैन फॉलोइंग आज ये यंग एक्टर्स से बहुत ज्यादा है. उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भी खूब कमाई करती हैं. धर्मेंद्र आरामदायक जिंदगी जीते हैं. वो फार्महाउस में नेचर के बीच में रहते हैं. धर्मेंद्र नेटवर्थ 450 करोड़ है. वहीं उनकी प्रॉपर्टी की लिस्ट भी बहुत लंबी है. आइए जानते हैं धर्मेंद्र की नेटवर्थ के बारे में. साथ ही जानते हैं उनकी प्रॉपर्टी में किसका हक ज्यादा है.
कितनी है धर्मेंद्र की नेटवर्थ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र की नेटवर्थ 400 से 450 करोड़ रुपये है. वो 89 साल की उम्र में भी फिल्मों में काम करते हैं. उनकी फिल्म इक्कीस इसी साल दिसंबर में रिलीज होने वाली है. फिल्मों के अलावा वो ब्रांड एंडोर्समेंट से और बिजनेस इंवेस्टमेंट से कमाई करते हैं. इसके अलावा उनका मुंबई में एक आलीशान बंगला है. वहीं खंडाला और लोनावला में फार्महाउस भी हैं. उनके पास कई और रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज भी हैं. इसके अलावा वो एक मशहूर रेस्टोरेंट चेन Garam-Dharam चलाते हैं. उनके रेस्टोरेंट काफी फेमस हैं. कई शहरों में ये रेस्टोरेंट हैं. धर्मेंद्र के पास कई लग्जरी कार भी हैं. उनके पास मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, लैंड रोवर रेंज रोवर जैसी कार हैं.
धर्मेंद्र के कितने बच्चे?
पर्सनल लाइफ में धर्मेंद्र ने दो शादियां की. उनकी पहली पत्नी का नाम प्रकाश कौर है और दूसरी पत्नी का नाम हेमा मालिनी हैं. दोनों पत्नियों से धर्मेंद्र को 6 बच्चे हैं. पहली पत्नी से धर्मेंद्र को 4 बच्चे हैं. इन चारों बच्चों के नाम हैं सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता देओल और विजेता देओल. दूसरी पत्नी हेमा मालिनी से धर्मेंद्र को 2 बेटियां हैं. बेटियों के नाम हैं ईशा देओल और अहाना देओल.
धर्मेंद्र के 13 पोते-पोतियां हैं
सनी देओल- दो बेटे, करण देओल और राजवीर देओल.
बॉबी देओल- दो बेटे धर्म और आर्यमन देओल.
अजीता देओल-दो बेटियां.
विजेता देओल- एक बेटा और एक बेटी.
ईशा देओल- दो बेटियां- राध्या तख्तानी और मिराया तख्तानी.
आहाना देओल- डेरिन वोहरा (बेटा). जुड़वां बेटियां- अस्त्रिया वोहरा और आदिया वोहरा हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर धर्मेंद्र की संपत्ति का बंटवारा होता है तो उसका हकदार कौन होगा?
कानून क्या कहता है संपत्ति बंटवारे को लेकर?
इस पर दिल्ली हाई कोर्ट के वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने एबीपी न्यूज को बताया कि 2023 में सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले- रेवनसिद्दप्पा बनाम मल्लिकार्जुन (2023 INSC 783) ने इस पूरे मामले को बहुत साफ कर दिया है.
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
2023 के फैसले के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की दूसरी शादी हिंदू मैरिज एक्ट (HMA) के तहत अमान्य मानी जाती है (जैसे धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की शादी, क्योंकि पहली पत्नी प्रकाश कौर जीवित हैं और तलाक नहीं हुआ है), तब भी उस शादी से हुए बच्चे कानून की नजर में वैध माने जाएंगे.
धारा 16 (1) के तहत ऐसे बच्चों को अपने माता-पिता की संपत्ति पर पूरा हक मिलेगा. हालांकि, ये हक सिर्फ माता-पिता की संपत्ति तक सीमित रहेगा- यानी पूरे संयुक्त परिवार या पैतृक संपत्ति पर सीधा अधिकार नहीं होगा.
तो क्या ईशा और आहना को हिस्सा मिलेगा?
एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने ये स्पष्ट कर दिया है, ‘दूसरी शादी से हुए बच्चे’ अपने पिता की स्व-अर्जित और पैतृक संपत्ति में उनके हिस्से के हकदार हैं.
कानूनी भाषा में इसे ‘काल्पनिक बंटवारा’ (Notional Partition) कहा गया है. यानी धर्मेंद्र के बाद ये माना जाएगा कि उनकी पैतृक संपत्ति का बंटवारा हो चुका है और उसमें जो हिस्सा धर्मेंद्र के नाम आता, वही हिस्सा उनके सभी वैध वारिसों में बराबर बांटा जाएगा.
ईशा देओल और आहना देओल की कानूनी स्थिति
वैधता प्रदान की गई: हेमा मालिनी के साथ दूसरी शादी, हिंदू मैरिज एक्ट (HMA) के तहत अमान्य (शून्य) माने जाने के बावजूद (क्योंकि उनकी पहली शादी प्रकाश कौर के साथ जारी थी), HMA की धारा 16(1) धर्मेंद्र की बेटियों को उनके माता-पिता के संबंध में वैध बच्चे का दर्जा देती है. कानून का मकसद नाजायज बच्चों के कलंक को दूर करना है.
संपत्ति पर सीमा (धारा 16(3)): सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा स्पष्ट किया कि वैधता का यह दर्जा उन्हें अपने आप बड़े हिंदू संयुक्त परिवार में सहदायिक (कोपार्सनर) नहीं बनाता. उनके अधिकार सख्ती से सिर्फ उनके माता-पिता (धर्मेंद्र और हेमा मालिनी) की संपत्ति तक सीमित हैं, न कि “माता-पिता के अलावा किसी और व्यक्ति” की संपत्ति तक.
पैतृक संपत्ति में वारिसी हक (स्पष्टीकरण)
एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक, ‘सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले ने एक स्पष्ट तरीका बताया है कि कैसे एक अमान्य शादी से पैदा हुए बच्चे, माता-पिता के पैतृक या सहदायिक संपत्ति में हिस्से के हकदार हो सकते हैं
. इसने विशेष रूप से HMA की धारा 16(3) और हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (HSA) की धारा 6(3) के बीच तालमेल बैठाया है.’
1. काल्पनिक बंटवारा जरूरी: जब एक हिंदू पुरुष सहदायिक (जैसे धर्मेंद्र) की मृत्यु होती है, तो HSA की धारा 6(3) के तहत माना जाता है कि मिताक्षरा सहदायिक संपत्ति का एक काल्पनिक बंटवारा (नोशनल पार्टीशन) उनकी मृत्यु से ठीक पहले हो गया था.
2. माता-पिता की संपत्ति तय करना: इस काल्पनिक बंटवारे में धर्मेंद्र को जो हिस्सा मिलता, उसे उत्तराधिकार के मकसद से उनकी “संपत्ति” माना जाता है.
3. हस्तांतरण: इस तरह तय हुए हिस्से का बंटवारा, बिना वसीयत के उत्तराधिकार (HSA की धारा 8 और 10 के मुताबिक) के तहत, धर्मेंद्र के सभी क्लास-1 वारिसों में होता है.
4. धारा 16 वाले बच्चों को शामिल करना: HMA की धारा 16(1) के तहत वैधता पाने वाले बच्चे (ईशा देओल और आहना देओल), HSA की धारा 10 के तहत बंटवारे के लिए “बेटे” और “बेटियां” माने जाते हैं, जो वैध और धारा 16 वाले वैध बच्चों में फर्क नहीं करती.
5. अधिकारों पर निष्कर्ष: काल्पनिक बंटवारे के बाद धर्मेंद्र के हिस्से में आई संपत्ति में ईशा देओल और आहना देओल, उनके दूसरे क्लास-1 वारिसों (जैसे उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर, यदि जीवित हों; उनकी माँ, यदि जीवित हों; और पहली शादी के बच्चे: सनी, बॉबी, विजेता और अजीता) के साथ बराबर की हिस्सेदारी की हकदार होंगी.
धर्मेंद्र की संपत्ति के हकदार कौन होंगे-
पहली पत्नी प्रकाश कौर, उनके बच्चे- सनी, बॉबी, अजीता और विजेता. और दूसरी पत्नी हेमा मालिनी की दोनों बेटियां- ईशा देओल और आहना देओल. इन सभी को धर्मेंद्र के हिस्से में आई संपत्ति में बराबर का हकदार माना जाएगा.
पहली पत्नी: प्रकाश कौर
पहली पत्नी से बच्चे: सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता देओल और विजेता देओल
दूसरी शादी से बेटियां: ईशा देओल और आहना देओल
इन सभी छह बच्चों को अपने पिता धर्मेंद्र के हिस्से की संपत्ति में बराबर का हक मिलेगा.
हेमा मालिनी को नहीं मिलेगा प्रॉपर्टी में हिस्सा
धर्मेंद्र की संपत्ति में हेमा मालिनी को हिस्सा नहीं मिलेगा, क्योंकि उनकी शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत वैध नहीं मानी जाती (धर्मेंद्र की पहली शादी उस समय भी कायम थी). हेमा मालिनी को हिस्सा तभी मिलेगा अगर धर्मेंद्र ने कोई वसीयत बनाई हो जिसमें उन्हें हिस्सा दिया गया हो या शादी की वैधता अदालत में साबित कर दी जाए.
एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा का कहना है, “सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अमान्य शादी से पैदा हुए बच्चों को अब सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि कानूनी अधिकार से संपत्ति में हिस्सा मिलेगा. ईशा और आहना देओल अपने पिता के हिस्से की पूरी संपत्ति में बराबर की हकदार हैं.”
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