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बर्मिंघम में पहली जीत की तलाश में उतरेगा भारत

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बर्मिंघम, 30 जून . सीरीज में 1-0 से पिछड़ने के बाद भारत और इंग्लैंड की टीमें दूसरे टेस्ट के लिए बर्मिंघम में बुधवार से एक-दूसरे से भिड़ेंगी. इंग्लैंड ने इस मैदान पर कुल 56 मैच खेले हैं, जिसमें उन्हें 30 में जीत, 11 में हार मिली है जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे हैं. वहीं भारत यहां पर आठ टेस्ट खेला है और उन्हें एक भी मैच में जीत नहीं मिल पाई है. आठ में से सात हार और एक ड्रॉ के साथ भारत के लिए यह मैदान अभी तक एक अभेद्य किला बना हुआ है. इसमें से भी सात में से तीन में भारत को पारी की हार मिली है. आइए डालते हैं इस मैदान पर भारत के रिकॉर्ड पर एक नजर.

जब भारतीय टीम 100 से कम के स्कोर पर सिमट गई, 1967

यह वह दौर था, जब भारतीय टीम की कमान, टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक मंसूर अली खान पटौदी के हाथों में थी और विदेशी दौरे पर भी भारत अपनी स्पिन चौकड़ी के साथ खेलता था. भारतीय टीम सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद बर्मिंघम पहुंची थी और यह ढाई महीने के लंबे दौरे का आखिरी मैच था. भारत यह मुकाबला हार गया और सीरीज 0-3 से गंवा बैठा.

जब डेविड लॉयड का दोहरा शतक पड़ा था भारी, 1974

एक बार फिर से भारतीय टीम सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद बर्मिंघम पहुंची थी और उनका बहुत कुछ दांव पर था. बारिश से प्रभावित इस मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और फ़ारूख़ इंजीनियर के अर्धशतक की मदद से सिर्फ 165 रन बना पाई. इसके बाद डेविड लॉयड की आंधी आई जिन्होंने नाबाद दोहरा शतक (214) लगाकर भारतीय गेंदबाजों को दबाव में डाल दिया. इंग्लैंड ने 459/2 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित की और पहली पारी में 294 रनों की बड़ी बढ़त ली. जवाब में भारतीय टीम दूसरी पारी में भी सिर्फ 216 रन बना पाई और भारतीय टीम यह मुकाबला पारी और 78 रनों से हार गई.

एक बार फिर मिली भारत को पारी की हार, 1979

यह चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच था और इस बार डेविड गॉवर के दोहरे शतक (नाबाद 200) की मदद से भारतीय टीम को पारी की हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और ज्योफ बॉयकाट (155) और गॉवर की पारियों की मदद से पांच विकेट पर 633 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया. जवाब में भारतीय टीम दोनों पारियों में क्रमशः 297 और 253 का ही स्कोर बना पाई और मैच को पारी और 83 रनों से हार गई.

पहली बार मुकाबला हुआ ड्रॉ, 1986

बर्मिंघम में पिछले दो मुकाबले पारी के अंतर से हारने के बाद यह परिणाम निश्चित रूप से भारत के लिए राहत भरा रहा होगा. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान माइक गैटिंग के नाबाद 183 रनों की मदद से 390 का एक बड़ा स्कोर खड़ा किया.जवाब में मोहिंदर अमरनाथ और मोहम्मद अजहरूद्दीन के अर्धशतकों की मदद से भारत ने भी ठीक 390 का स्कोर खड़ा किया. दूसरी पारी में इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं लगा सका और चेतन शर्मा के छह विकेटों की मदद से भारत ने उनको सिर्फ 235 रनों पर समेट दिया. हालांकि भारत निर्धारित समय तक पांच विकेट के नुकसान पर 174 रन ही बना पाया और मुक़ाबला ड्रॉ रहा. यह सीरीज का आखिरी मुकाबला था और भारत सीरीज के पहले दो मैच जीतकर आ रहा था. यह सिर्फ दूसरी बार था, जब भारत ने इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज जीती हो.

जब हुसैन का शतक पड़ा था तेंदुलकर के शतक पर भारी, 1996

यह दौरे का पहला मैच था और एक तेज पिच पर भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और भारतीय टीम सिर्फ 214 रनों पर सिमट गई. नासिर हुसैन के शतक की मदद से इंग्लैड की टीम 313 रन बनाकर पहली पारी की बढ़त लेने में सफल रही. भारत की तरफ से सचिन तेंदुलकर ने दूसरी पारी में शतक जरूर लगाया, लेकिन उनका साथ किसी भी बल्लेबाज ने नहीं दिया और भारतीय टीम फिर से 219 के स्कोर पर सिमट गई. इंग्लैंड ने 121 के लक्ष्य को आसानी से दो विकेट खोकर हासिल कर लिया.

नई सदी, वही पुराना इतिहास, 2011

यह इस मैदान पर भारत की तीसरी पारी की हार थी. टॉस हारकर भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और सिर्फ 224 रनों पर सिमट गई. इंग्लैंड की तरफ से सलामी बल्लेबाज एलेस्टेयर कुक ने 294 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड ने 700 के ऊपर का स्कोर खड़ा किया. दूसरी पारी में भारतीय टीम सिर्फ 244 रन पर सिमट कर मैच को पारी और 242 रन से हार गई.

बर्मिंघम में पहला रोमांचक मुक़ाबला, 2018

यह बर्मिंघम में भारत-इंग्लैंड का पहला रोमांचक मुकाबला था और यह मैच भारत जीत भी सकता था. इंग्लैंड ने 287 का स्कोर खड़ा किया. जवाब में भारतीय टीम ने कप्तान विराट कोहली के शतक की मदद से 274 रन बनाए. दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम ने सिर्फ 180 रन बनाए, भारत को सिर्फ 194 रनों का लक्ष्य मिला था. कप्तान कोहली ने एक बार फिर से अर्धशतक लगाया, लेकिन भारतीय टीम मुकाबले को 31 रनों से हार गई.

भारत ने ना सिर्फ मैच नहीं बल्कि सीरीज भी जीतने का मौका गंवाया, 2022

कोविड के कारण पिछली बार भारतीय टीम ने जब दो हिस्सों में इंग्लैंड का दौरा किया था, तो वे बर्मिंघम पहुंचने तक सीरीज में 2-1 से आगे थे, लेकिन बर्मिंघम में हार के साथ ही सीरीज बराबरी पर छूटी. भारत ने 416 रन का एक बड़ा स्कोर खड़ा किया था. जवाब में इंग्लैंड की टीम 284 रनों पर सिमट गई. पहली पारी में 132 रनों की बड़ी बढ़त मिलने के बाद दूसरी पारी में भी भारत ने 245 का स्कोर खड़ा किया. इंग्लैंड को 378 रनों का रिकॉर्ड लक्ष्य मिला और रूट और बेयरस्टो की शतकों की मदद से उसने मैच को सात विकेट के बड़े अंतर से जीत लिया और भारत के बर्मिंघम में हारने का सिलसिला जारी रहा.

हालांकि इस बार भारतीय टीम इस रिकॉर्ड को सुधारने का भरसक प्रयास करेगी, ताकि ना सिर्फ़ इस मैदान पर उन्हेंपहली जीत मिले बल्कि वह वर्तमान चल रही सीरीज में भी 1-1 से बराबरी पर आ जाए.

आरआर/

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