जमशेदपुर, 11 जुलाई . झारखंड सरकार की ‘Chief Minister मंईयां सम्मान योजना’ का फर्जी तरीके से लाभ लेने वाली बिहार-बंगाल की 172 महिलाओं के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी.
पूर्वी सिंहभूम जिले के ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने Friday को मीडिया को बताया कि इस संबंध में गालूडीह पुलिस थाने में पंचायत सचिव की ओर से First Information Report दर्ज कराई गई है. गालूडीह थाना क्षेत्र की हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव में ‘Chief Minister मंईयां सम्मान योजना’ की लाभार्थियों की सूची का प्रशासन की ओर से भौतिक सत्यापन कराए जाने के बाद फर्जीवाड़े का यह मामला उजागर हुआ. प्रारंभिक जांच में पता चला कि लाभार्थियों की सूची में बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों की 40 और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों की 132 मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं.
झारखंड सरकार ने 18 से 50 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपए की आर्थिक सहायता देने की यह योजना शुरू की है. बिहार और बंगाल की कुल 172 महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को झारखंड निवासी बताते हुए लाभार्थियों की सूची में अपना नाम दर्ज करवा लिया. सूची में शामिल इन महिलाओं के आवेदनों में राशन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड नंबर अंकित थे. सभी नामों में एक ही राशन कार्ड नंबर अंकित किया गया था. इसके बावजूद इसे स्वीकृत किया गया था.
इन महिलाओं के खाते में योजना की पहली दो किस्तों में लगभग 19 लाख रुपए पहुंचे हैं. हैरानी की बात यह कि हेंदलजुड़ी पंचायत के आठ गांव में किसी भी गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है. बावजूद पंचायत के छोलगोड़ा गांव में 172 मुस्लिम महिलाओं के नाम मंईयां सम्मान योजना की लाभार्थियों की सूची में अंकित हैं. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जिले के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के आदेश पर घाटशिला की प्रखंड विकास पदाधिकारी युनिका शर्मा ने हेंदलजुड़ी पंचायत के सचिव मंगल टुडू को मामला दर्ज कराने का निर्देश दिया था.
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एसएनसी/एकेजे
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