New Delhi, 1 सितंबर . आज की तेज रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में हर व्यक्ति किसी न किसी मानसिक दबाव से जूझ रहा है. ऐसे में योग और प्राणायाम ही एक आसान जरिया है, जो बिना किसी दवा के, शरीर और मन को शांति देते हैं, खासकर भ्रामरी प्राणायाम, जिसे कहीं भी बैठकर किया जा सकता है.
Monday को आयुष मंत्रालय ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास को तस्वीरों के जरिए समझाया और साथ ही इसके लाभ भी बताए.
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, भ्रामरी प्राणायाम एक शांत करने वाली श्वास प्रक्रिया है, जो तनाव को कम करती है. यह प्राणायाम न केवल दिमाग को राहत देता है, बल्कि ध्यान, एकाग्रता, नींद और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में भी बेहद फायदेमंद होता है.
भ्रामरी प्राणायाम को करते समय आंखें बंद कर लें और गहरी सांस लें. फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते समय गले से मधुमक्खी की तरह एक कंपनयुक्त ध्वनि निकालें. यह ध्वनि भीतर तक जाकर मस्तिष्क को शांति का अनुभव कराती है.
भ्रामरी प्राणायाम गुस्सा और चिड़चिड़ापन कम करती है. कई बार जब मन असंतुलित होता है, तो छोटी-छोटी बातें भी गुस्सा दिला देती हैं. भ्रामरी प्राणायाम के दौरान जो गुंजन की ध्वनि होती है, वह मस्तिष्क में ऐसे कंपन उत्पन्न करती है, जो मन को शांत करती है. रोज इसका अभ्यास करने से व्यक्ति का स्वभाव धीरे-धीरे शांत होता जाता है.
इसके अलावा, यह प्राणायाम ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है. बच्चे हों या युवा, हर किसी का मस्तिष्क मोबाइल, टीवी और अन्य चीजों के कारण हर समय उलझा रहता है. भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क के दोनों हिस्सों को सक्रिय करता है और उन्हें बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है. इससे याददाश्त तेज होती है और पढ़ाई या काम में ध्यान लगाना आसान होता है.
भ्रामरी प्राणायाम उन लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद है, जो नींद न आने की परेशानी से जूझते हैं. अनिद्रा आजकल बहुत आम हो गई है. इसका कारण तनाव, स्क्रीन टाइम और असंतुलित जीवनशैली है. जब आप रात को सोने से पहले भ्रामरी प्राणायाम करते हैं, तो आपका मस्तिष्क शांत हो जाता है, दिल की धड़कन सामान्य होती है और शरीर गहरी नींद के लिए तैयार हो जाता है. धीरे-धीरे यह आदत आपको बिना किसी दवा के बेहतर नींद देने लगती है.
हाई ब्लड प्रेशर में यह प्राणायाम दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाता है. गहरी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया से हृदय को आराम मिलता है, जिससे ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आने लगता है.
इसके अलावा, भ्रामरी प्राणायाम हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है. जब हम गहरी सांस लेते हैं और ध्वनि उत्पन्न करते हैं, तो हमारे शरीर के अंदरूनी अंग सक्रिय होते हैं. इससे सर्दी, खांसी जैसी छोटी बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है. साथ ही, शरीर के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे हम दिनभर तरोताजा महसूस करते हैं.
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पीके/एबीएम
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