ग्रेटर नोएडा, 24 अक्टूबर . गौतमबुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम ने Friday को जिले के प्रसिद्ध सूरजपुर वेटलैंड का स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने सर्दियों के मौसम में यहां पहुंचने वाले प्रवासी पक्षियों का अवलोकन किया और वेटलैंड में जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) के संरक्षण के लिए चल रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की.
जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि सूरजपुर वेटलैंड जिले की एक अमूल्य पर्यावरणीय धरोहर है, इसलिए इसके संरक्षण, स्वच्छता और सौंदर्यकरण के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने कहा कि वेटलैंड न केवल पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के लिए एक सुरक्षित आवास स्थल है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में इसके रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मेधा रूपम ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वेटलैंड में आने वाले पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि यहां जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझें और इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं.
उन्होंने कहा कि उद्देश्य सूरजपुर वेटलैंड को पारिस्थितिकी पर्यटन (इको-टूरिज्म) के एक मॉडल के रूप में विकसित करना है, जिससे जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर एक हरित पर्यटन स्थल के रूप में बने. निरीक्षण के दौरान प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) रजनीकांत मित्तल सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
अधिकारियों ने जिलाधिकारी को प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, वेटलैंड के रखरखाव तथा सौंदर्यकरण कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने भविष्य की कार्ययोजना भी प्रस्तुत की. बताया गया कि विभाग द्वारा वेटलैंड क्षेत्र में नए वृक्षारोपण, पक्षी अवलोकन टावरों के निर्माण और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
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पीकेटी/डीकेपी
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