सियोल, 30 अक्टूबर . चीन के President शी जिनपिंग एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण कोरिया पहुंच गए हैं. अमेरिकी टैरिफ से मचे घमासान के बीच अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप ने बुसान में चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की.
माना जा रहा है कि शी जिनपिंग की यह यात्रा अमेरिका-चीन व्यापार और सुरक्षा प्रतिद्वंद्विता के बीच सियोल और वाशिंगटन के साथ बीजिंग के भविष्य के संबंधों की नींव रख सकती है.
शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमारी मुलाकात बहुत सफल रहने वाली है. उन्होंने चीनी President को
एक कठोर वार्ताकार के साथ ही एक महान देश का महान नेता भी कहा. हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं. हमारे बीच हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं.
ट्रंप ने जिनपिंग से कहा, “मुझे लगता है कि हमारे बीच लंबे समय तक शानदार संबंध बने रहेंगे और आपका हमारे साथ होना सम्मान की बात है.”
वहीं चीन के President ने कहा कि ट्रंप को देखकर अच्छा लग रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच कभी-कभी टकराव होना सामान्य बात है. उनका मानना है कि चीन का विकास ट्रंप के ‘अमेरिका को फिर से महान बनाओ’ नजरिए के साथ-साथ चलता है और वह अमेरिका-चीन संबंधों के लिए एक ठोस आधार बनाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए तैयार हैं.
2019 के बाद डोनाल्ड ट्रंप और चीनी President की यह पहली मुलाकात हो रही है. हाल ही में अमेरिकी President ने चीन पर पहले से लगाए गए टैरिफ पर 100 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी थी और कहा था कि चीन पर 157 फीसदी टैरिफ 1 नवंबर से लागू हो जाएंगे. अब देखना यह है कि शी से मुलाकात के बाद क्या अमेरिकी President टैरिफ कम करते हैं या नहीं. चीन ने रेयर अर्थ के निर्यात को लेकर अपने नियम कड़े कर दिए थे, जिसके बाद अमेरिकी President ने टैरिफ बम फोड़ दिया था.
पिछले हफ्ते, दोनों देशों के व्यापार वार्ताकारों ने मलेशिया में एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे ट्रंप और शी के बीच आगामी शिखर सम्मेलन का मार्ग प्रशस्त हुआ.
इससे पहले एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी अब प्रभावी रूप से विचाराधीन नहीं है.
Wednesday को आगामी वार्ता की घोषणा करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, “दोनों नेता चीन-अमेरिका संबंधों से संबंधित रणनीतिक और दीर्घकालिक मुद्दों के साथ-साथ आपसी चिंता के प्रमुख मुद्दों पर गहन बातचीत करेंगे.”
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केके/वीसी
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