Mumbai , 31 अक्टूबर . Mumbai Police की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बॉस्टन आइवी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड में बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटाले का मामला दर्ज किया है. यह मामला पहले अंधेरी एमआईडीसी Police स्टेशन में दर्ज किया गया था, जिसे अब ईओडब्ल्यू को आगे की जांच के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है.
यह घटनाक्रम 1 अप्रैल 2024 से 30 अगस्त 2025 के बीच का है. पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक तिवारी ने कंपनी के खिलाफ शिकायत की है.
आरोप लगाया गया है कि कंपनी के निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने विवेक तिवारी को मनमाने ढंग से सीईओ पद से हटा दिया और इसके बाद कंपनी के शेयरों को ईएसओपी ट्रस्ट के नाम पर अत्यंत कम दर पर आवंटित कर दिया. इतना ही नहीं, इसी अवधि में कंपनी के खातों से 264 करोड़ रुपए की बड़ी राशि विभिन्न असंबंधित तृतीय पक्षों को ट्रांसफर की गई.
विवेक तिवारी के अनुसार, इन अवैध और अनधिकृत वित्तीय लेनदेन के चलते उन्हें, जो कंपनी में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं, 34 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इसी प्रकार कंपनी के सह-प्रमोटर केतन मल्कन, जिनकी भी 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है, उन्हें भी 34 करोड़ रुपए की क्षति हुई. इस प्रकार दोनों शेयरधारकों को कुल 68 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान पहुंचा.
शिकायत में जिन लोगों को आरोपी बताया गया है उनमें नितीश बांदी, पिनक श्रीखंडे, चार्ल्स जैनसन, रविशंकर गोपालकृष्णन, जेंस नीयूवेनबॉर्ग, सीईओ दिनेश लोधा और सीएफओ रमन चावला सहित अन्य निदेशक और अधिकारी शामिल हैं.
यह अपराध कंपनी एम/एस बोस्टन आइवी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के पंजीकृत कार्यालय विरावली गांव, महाकाली केव्स रोड, अंधेरी (पूर्व) Mumbai में घटित हुआ बताया गया है.
आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच अपने हाथ में लेकर कंपनी के वित्तीय लेनदेन, शेयर आवंटन प्रक्रिया और ईएसओपी ट्रस्ट के दुरुपयोग से जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है.
ईओडब्ल्यू अधिकारी अब बैंक खातों, शेयर ट्रांसफर और आंतरिक ईमेल संवादों की जांच कर रहे हैं ताकि फंड ट्रांसफर की सटीक श्रृंखला और जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की जा सके.
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पीआईएम/वीसी
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