नई दिल्ली, 21 अप्रैल . छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और नक्सलवाद के उन्मूलन, बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास तथा राज्य में सुरक्षा और न्याय व्यवस्था को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की.
बैठक में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा सहित केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. बैठक के दौरान भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा की गई. साथ ही पुलिस, जेल, न्यायपालिका, अभियोजन और फोरेंसिक व्यवस्था से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के क्रियान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई.
सीएम साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक और तकनीकी दोनों तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राज्य भर में कुल 27 प्रकार की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और दिशा-निर्देश तैयार कर उन्हें अमल में लाया गया है. इसके अतिरिक्त, नए ढांचे के तहत लगभग 37,385 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है. न्यायालयों, पुलिस थानों और जेलों में बुनियादी ढांचे को ई-साक्ष्य हैंडलिंग क्षमताओं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम के साथ अपग्रेड किया गया है. अब तक नए कानूनों के तहत 53,981 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत मामलों में चार्जशीट (चालान) दाखिल की गई है. बैठक में नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए विशेष रणनीतियों पर भी चर्चा की गई.”
मुख्यमंत्री ने बताया, “पिछले कुछ महीनों में राज्य में चलाए गए अभियानों में कई वांछित नक्सली मारे गए, गिरफ्तार किए गए या आत्मसमर्पण किए गए. नियाद नेल्लानार योजना, बस्तर ओलंपिक, महिला सुरक्षा केंद्र और आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे और पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास जैसे प्रयासों ने युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है.”
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार वर्ष 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा बस्तर को भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.”
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य में नए आपराधिक कानूनों को जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि नए कानूनी ढांचे का उद्देश्य न्यायिक प्रणाली को सरल, तेज और लोगों के अधिक हितकारी बनाना है.
बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिरीक्षक सुशील द्विवेदी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, प्रमुख सचिव विधि रजनीश श्रीवास्तव, सचिव गृह नेहा चंपावत सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए.
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