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'दूसरी एफआईआर दर्ज करने की जरूरत नहीं', बदलापुर एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

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नई दिल्ली, 5 मई . सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बदलापुर एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत दी. पीठ ने बदलापुर एनकाउंटर मामले में कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.

दरअसल, पिछले साल ठाणे जिले के बदलापुर में नाबालिग मासूम बच्ची का यौन शोषण किया गया था. इसके बाद आरोपी अक्षय शिंदे को 23 सितंबर 2024

को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. इस मामले को लेकर अक्षय शिंदे के परिवार की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और उन्होंने ठाणे पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्राथमिक तौर पर इस एनकाउंटर को संदिग्ध मानते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.

इसके साथ ही पिछले हफ्ते कोर्ट ने ठाणे पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाते हुए 4 घंटे में इसका जवाब मांगा था. इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया. अदालत ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और ठाणे पुलिस को बड़ी राहत दी.

अदालत ने कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि इसकी जांच की जा सकती है, लेकिन दूसरी एफआईआर दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है.

बता दें कि सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे पर दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. बाद में शिंदे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. जानकारी के अनुसार, अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर स्थानांतरित किया जा रहा था. इसी दौरान कथित तौर पर उसने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर गोली चला दी थी. पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया था और बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी.

एफएम/केआर

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