New Delhi, 12 सितंबर . पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं मीराबाई चानू ने राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में महिलाओं के 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर लगभग 1 साल बाद दमदार वापसी की है. इसे चानू ने अपने करियर का यादगार पल बताया है.
से बातचीत करते हुए मीराबाई चानू ने कहा, “यह यादगार था क्योंकि इस प्रतियोगिता में इस वर्ग में मैंने पहली बार भारत के लिए पदक जीता. मैं बहुत खुश हूं. चैंपियनशिप में पदक जीते हुए मुझे काफी समय हो गया था. 48 किग्रा वर्ग में बदलाव के बाद यह मेरी पहली प्रतियोगिता थी.”
मीराबाई ने स्नैच में 84 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 109 किग्रा सहित कुल 193 किग्रा भार उठाकर पहला स्थान हासिल किया था. नए भार वर्ग में फिट होने के लिए एक किग्रा और वजन कम करने का फैसला उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ और उन्होंने 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया.
उनका अगला लक्ष्य नॉर्वे के फोर्डे में 1 से 10 अक्टूबर तक होने वाली विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में भारत के लिए पदक जीतना है.
मीराबाई ने कहा, “पूरी भारतीय टीम बहुत अच्छी तैयारी कर रही है. हम सभी पदक जीतने की कोशिश करेंगे. हमें प्रतियोगिता के दिन पता चलेगा कि क्या होने वाला है, लेकिन भारतीय टीम इसके लिए बहुत अच्छी तैयारी कर रही है.”
ओलंपिक पर केंद्रित एक पैनल चर्चा के दौरान, भारत की पूर्व महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने टीम के सफर पर बात की, जिसमें टोक्यो ओलंपिक में पदक गंवाने का दुख और भविष्य में टीम के विकास के लिए क्या जरूरी है, इस पर उन्होंने अपनी राय रखी.
उन्होंने कहा, “मेरा सफर बहुत लंबा रहा है. कभी-कभी हम अपने पहले ओलंपिक को याद भी नहीं करना चाहते, लेकिन उस अनुभव ने हमें बहुत कुछ सिखाया. टोक्यो बिल्कुल अलग था, अपने पहले तीन मैच हारने के बाद, सभी ने हमसे उम्मीद खो दी थी. हमने खुद पर विश्वास बनाए रखा, अगले दो मैच जीते और फिर क्वार्टर फाइनल में तालिका में शीर्ष पर चल रही ऑस्ट्रेलिया को हराया. उस दिन पूरा देश हॉकी देख रहा था. यही असली बदलाव था.”
रानी रामपाल ने कहा, “सबसे अहम लगातार अच्छा प्रदर्शन है. महिला हॉकी में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि टीम एशिया कप जीतेगी और विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेगी.”
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पीएके/
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