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कर्नाटक के मंत्री को राहुल गांधी के 'वोट चोरी' विवाद पर टिप्पणी करना पड़ा भारी, केएन राजन्ना ने दिया इस्तीफा

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बेंगलुरु, 11 अगस्त . कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. Lok Sabha के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोप का कांग्रेस सरकार के मंत्री केएन राजन्ना ने विरोध किया. इसके बाद मतदाता सूची घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने वाले कैबिनेट मंत्री केएन राजन्ना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.

कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री केएन राजन्ना ने Chief Minister सिद्दारमैया को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. इसके बाद सीएम ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

इसे लेकर कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि मंत्री केएन राजन्ना का इस्तीफा लेना बिल्कुल गलत है. Chief Minister सिद्दारमैया को खुद की भी कुर्सी बचानी है, इसलिए राहुल गांधी के दबाव में इस्तीफा लिया गया है. यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है. इसमें हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा रहे हैं, वो राहुल गांधी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है, इसलिए वे तरह-तरह के झूठे प्रचार करते हैं.

कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने कहा कि केएन राजन्ना ने क्यों इस्तीफा दिया? हमें नहीं पता. Chief Minister को इस्तीफे की वजह पता होगी. कांग्रेस पार्टी में आलाकमान का फैसला अंतिम होता है और सिर्फ आलाकमान या Chief Minister ही स्पष्टीकरण दे सकते हैं.

सीएम सिद्दारमैया के समर्थक माने जाने वाले केएन राजन्ना ने कहा था कि हमें याद रखना चाहिए कि Lok Sabha चुनाव से पहले जब वोटिंग लिस्ट में अनियमितताएं हुई थीं, तब राज्य में हमारी कांग्रेस की सरकार थी. यह सच है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी हुई, लेकिन यह अपमान की बात है कि यह हमारी नाक के नीचे हुआ. उन्होंने आगे कहा कि जब चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की थी, तभी आपत्तियां जतानी थीं.

बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि हमने कर्नाटक की एक विधानसभा महादेवापुरा क्षेत्र की जांच की और पाया कि यहां 1,00,250 वोटों की चोरी की गई. पांच तरीकों से ये फर्जी वोट लिस्ट में जोड़े गए. 11,965 डुप्लीकेट वोटर बनाए गए, 40,009 फर्जी पतों का इस्तेमाल हुआ, 10,452 वोटर बड़ी संख्या में एक ही पते पर रजिस्टर किए गए, 4,132 वोटर बिना फोटो या अवैध फोटो के साथ जोड़े गए और 33,692 नए वोटर फॉर्म-6 का गलत इस्तेमाल कर जोड़े गए.

उन्होंने कहा था कि ‘वोट चोरी’ सिर्फ एक चुनावी घोटाला नहीं है, यह संविधान और लोकतंत्र के साथ किया गया बड़ा धोखा है. देश के गुनहगार सुन लें, वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी.

डीकेपी/

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